रांची। दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिरमें 01 दिसम्बर सोमवार को जीवों को श्रीहरि के चरण -शरण में सद्गति प्रदान करानेवाली मोक्षदा एकादशी व्रत के उपलक्ष्य पर श्रीदेवी-भूमिदेवी के मध्यस्थ भुक्ति -मुक्ति दाता श्रीनिवास के हृदय को आह्लाद बढ़ानेवाला पांचरात्र आगम का विधान और वैदिक रीति से आयोजित अनुष्ठान का संपादन हुआ ।
प्रातः नेत्रों के सफल मनोरथ स्वरूप विश्वरूप दर्शन हुआ । सुप्रभातम्,करावलंबम और मंगलाशासनम् के पश्चात् तिरूवाराधन हुआ । इसके बाद दिव्य कल्याण स्वरूप परमानंद कारण भगवान् का नक्षत्र,कुंभ एवं कर्पूर की बाती से महाआरती हुयी । फिर परम करूणामूर्ति भगवान् को घंटा -घड़ियाल के नाद के बीच फलाहारी महाप्रसादम् का बाल भोग नैवेद्य हुआ तथा मध्याह्न और रात्रि के राजभोग में एकादश प्रकार के व्यंजनों का भोग लगा ।पुनः श्रुति,वेदान्त और देशिक स्तोत्राणि के उत्कृष्ट ऋचाएँ एवं श्लोकों से स्तुति कीं गयी । दिनभर श्रद्धालु भक्तों की भारी भीड़ लगी रही । श्रद्धालुओं ने अपने-अपने कामनानुसार विष्णुसहस्त्रनाम ,वेंकटेश स्टोत्तर शतनामावली और लक्ष्मी स्टोत्तर शत्तनाम की अर्चना के अतिरिक्त सूक्तों का पारायण भी कराये । शास्त्रीय विधान पूर्वक गीता जयन्ती मनायी गयी और गीता का स्वरबद्ध तरीके से पाठ भी हुआ ।
आज दिनकर का भोग निवेदन किया श्री मनोज-सुलक्ष्णा तिवारी राँची निवासी ने ।
अर्चक : श्री सत्यनारायण गौतम श्री गोपेश आचार्य और श्री नारायण दास जी ने मिलजुल कर दिनकर के अनुष्ठान को विधिवत् संपन्न कराया ।
उपस्थित हुये सर्वश्री राम अवतार नरसरिया अनूप अग्रवाल घनश्याम दास शर्मा रामवृक्ष साहू रंजन सिंह शम्भुनाथ पोद्दार अशोक धनानी मिन्टू सिन्हा संजय सिंह प्रभात ठाकुर के अतिरिक्त हजारों के संख्या में भक्तों ने भक्ति के सागर में अवगाहन किया ।
Reviewed by PSA Live News
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7:18:00 pm
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