रांची में बांग्लादेश की घटना के विरोध में उग्र आक्रोश, दलित हिंदू युवक को जिंदा जलाने की घटना पर सड़क पर उतरे लोग
रांची। बांग्लादेश में दलित हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को कट्टरपंथी भीड़ द्वारा पुलिस की मौजूदगी में बीच सड़क पर जिंदा जलाए जाने की दिल दहला देने वाली घटना के विरोध में राजधानी रांची में एक युवक ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस अमानवीय घटना को लेकर प्रदर्शनकारी युवक ने गहरी पीड़ा, आक्रोश और चिंता व्यक्त करते हुए इसे मानवता, लोकतंत्र और अल्पसंख्यक अधिकारों पर सीधा हमला बताया।
प्रदर्शन के दौरान युवक ने हाथों में तख्तियां लेकर बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों, विशेषकर दलित समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद की। उसने कहा कि जब पुलिस के सामने किसी निर्दोष युवक को जिंदा जला दिया जाए, तो यह केवल एक हत्या नहीं बल्कि राज्य की विफलता और कट्टरपंथी ताकतों के बढ़ते दुस्साहस का प्रतीक है।
प्रदर्शनकारी ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की और बांग्लादेश सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने की अपील की। उसने यह भी कहा कि हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमलों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और वैश्विक समुदाय को इस पर गंभीरता से संज्ञान लेना होगा।
स्थानीय लोगों ने भी इस प्रदर्शन के दौरान घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दीपू चंद्र दास की निर्मम हत्या ने पूरे हिंदू समाज को झकझोर कर रख दिया है। लोगों ने सवाल उठाया कि जब कानून व्यवस्था के जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने रहें, तो आम नागरिकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन संदेश स्पष्ट था—कट्टरपंथी हिंसा के खिलाफ चुप्पी अब अपराध के बराबर है। रांची से उठी यह आवाज न केवल बांग्लादेश में न्याय की मांग कर रही है, बल्कि दुनिया भर में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए चेतावनी भी है।
Reviewed by PSA Live News
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5:21:00 pm
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