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प्रकृति को अपनी मां की तरह प्यार दें और जो संसाधन प्रकृति से मिलें हैं उनका उपयोग समझदारी से करें- अनुराधा

न्यूज़ ऑफ इंडिया ( एजेंसी)

लखनऊ।  ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में आज विश्व पर्यावरण दिवस समारोह के उपलक्ष्य में पृथ्वी इनोवेशन के साथ मिल कर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र विश्वविद्यालय कुलपति प्रो एन बी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि डॉ रवि कुमार सिंह आईएफएस, डीएफओ लखनऊ तथा विशिष्ट अतिथि प्रो0 मुनव्वर आलम खालिद डीएसडब्ल्यू एचओडी, पर्यावरण विज्ञान, इंटीग्रल विश्वविद्यालय  रहे।
कार्यक्रम के स्वागत भाषण में प्रो चन्दना डे, प्राचार्य सामाजिक विज्ञान, भाषा विश्विद्यालय ने कहा कि हमें अपने पर्यावरण के प्रति बहुत संवेदनशील होने की जरूरत है। उन्होंने पर्यावरण के विभिन्न समस्याएं जैसे की विभिन्न प्रकार के प्रदूषण,  जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक हानि के मुद्दो को उठाते हुए कहा कि इन सब से बचने का यही उपाय है की हम प्रकृति और अपने बीच समन्वय स्थापित करें।
कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए अनुराधा गुप्ता सचिव, पृथ्वी इनोवेशन, ने विद्यार्थियों से अनुरोध करते हुए कहा कि वो प्रकृति को अपनी मां की तरह प्यार दें और जो संसाधन प्रकृति से मिलें हैं उनका उपयोग समझदारी से करें। उन्होंने विडियो के माध्यम से विद्यार्थियों को ये समझाया की हम पृथ्वी का दुरुपयोग कैसे कर रहे हैं और हमें कैसे अपनी पृथ्वी का बचाव करना चाहिए।
इसी क्रम में कार्यक्रम में ’ग्रीन अवॉर्ड्स’ प्रदान किए गए, ये अवार्ड उन लोगों को दिए गए जो लगातार पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना योगदान दे रहें हैं। प्रगति वर्मा, विभा अग्रवाल, अमिता सचान, रानी देवी, सौरभ तथा विपिन कपूर को इससे सम्मानित किया गया। इसी शृंखला में पृथ्वी इनोवेशन द्वारा विश्वविद्यालय को लगातार पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए पृथ्वी मित्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विशिष्ट अतिथि प्रो मनोवर आलम खालिद ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें अपने जैव विविधता पर गर्व करना चाहिए। जलवायु परिवर्तन की वजह से प्रवासी पक्षी को नित्य ही कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अपने भाषण के अंत में कहा की बायोडायवर्सिटी धरती का डॉक्टर होती है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ रवि कुमार सिंह आईएफएस डीएफओ लखनऊ, ने अपने भाषण में कहा कि भारत की बहुत बड़ी भूमिका विश्व जैव विविधता को बचाएं रखने की है। हमें ऐसा समन्वय स्थापित करना है कि संसाधन भी बचाए जा सकें। उन्होंने विश्वविद्यालय में इको क्लब बनाने का सुझाव दिया और विश्वविद्यालय के साथ मिल कर पर्यावरण के क्षेत्र में संयुक्त कार्य करने का प्रस्ताव रखा।
कुलपति प्रो एन बी सिंह ने अपने वक्तव्य में संस्कार की बात की जो अभिभावक से अपने बच्चों को मिलता है या फिर बच्चा अपने अभिभावक से सीखता है। उन्होंने ये भी कहा की ये हम पर निर्भर है की हम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या सिखा रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को एनिमल प्लैनेट, डिस्कवरी जैसे चैनल्स देखने का सुझाव दिया।
अंत में उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि हर विभाग में क्लब्स बनाएं जाए जिसमे विद्यार्थी खुद योजनाएं ले कर आएं।
पर्यावरण दिवस के कार्यक्रमों की श्रृंखला में बेस्ट ऑउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसके निर्णायक मंडल में डॉ रश्मि चतुर्वेदी एवं प्रदीप टंडन, उपाध्यक्ष पृथ्वी इनोवेशन रहें। विश्वविद्यालय एवं बाहर के प्रतिभागियों ने इस प्रतियोगिता में अपनी भागीदारी दर्ज कराई। जिसमे बायो टेक तथा पत्रकरिता विभाग की टीमें विजई रही। एकल प्रतियोगिता में वोकेशनल संस्था से आए बच्चे विजयी रहे।
कार्यक्रम की समन्वयक डॉ तनु डंग असिस्टेंट प्रोफेसर, पत्रकारिता एवं जनसंचार रहीं। कार्यक्रम की संयोजक डॉ प्रियंका सूर्यवंशी, असिस्टेंट प्रोफेसर, गृह विज्ञान रहीं एवं कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव, डॉ दोआ नक़वी ने किया। कार्यक्रम में प्रो एहतेशाम अहमद, डॉ नीरज शुक्ल, डॉ रूचिता सुजय चौधरी, डॉ नलिनी मिश्रा, डॉ ताबिन्दा सुल्ताना, डॉ काज़िम रिज़वी आदि  मौजूद रहे।

प्रकृति को अपनी मां की तरह प्यार दें और जो संसाधन प्रकृति से मिलें हैं उनका उपयोग समझदारी से करें- अनुराधा प्रकृति को अपनी मां की तरह प्यार दें और जो संसाधन प्रकृति से मिलें हैं उनका उपयोग समझदारी से करें- अनुराधा Reviewed by PSA Live News on 11:48:00 pm Rating: 5

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