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टैरिफ वॉर के बीच मोदी-जिनपिंग की अहम मुलाकात, वैश्विक समीकरणों पर गहन चर्चा


तियानजिन/नई दिल्ली। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रविवार को तियानजिन में एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक हुई। लगभग 10 महीनों बाद दोनों नेताओं की आमने-सामने मुलाकात ने वैश्विक स्तर पर विशेष राजनीतिक और कूटनीतिक महत्व हासिल कर लिया है। इस दौरान करीब 50 से 55 मिनट तक चली वार्ता में दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को नई दिशा देने, क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने तथा व्यापार और सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

वैश्विक संदर्भ और टैरिफ वॉर की पृष्ठभूमि

यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों और टैरिफ वॉर के कारण वैश्विक व्यापार व्यवस्था अस्थिर हो रही है। हाल ही में भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में आई खटास ने न केवल नई दिल्ली बल्कि बीजिंग को भी चिंतित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे माहौल में मोदी-जिनपिंग की मुलाकात एशियाई आर्थिक सहयोग को मजबूत करने और अमेरिका पर निर्भरता को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर हुई बैठक

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग की यह मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर आयोजित हुई। सम्मेलन सोमवार से आरंभ हो रहा है, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद-निरोध और व्यापार सहयोग जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होनी है। सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि चर्चा की व्यापकता को देखते हुए दोनों नेता दिन में एक बार फिर मुलाकात कर सकते हैं।

पिछली मुलाकात और भविष्य की दिशा

अक्तूबर 2024 में रूस के कजान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की आखिरी मुलाकात हुई थी। उसके बाद सीमाई तनाव, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिका-यूरोप की नई नीतियों ने भारत-चीन समीकरणों को प्रभावित किया। इस बीच दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय राजनयिक दौरों की श्रृंखला भी जारी रही। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा चीनी विदेश मंत्री वांग यी की हालिया भारत यात्रा के तुरंत बाद हो रही है, जिसे दोनों पक्ष विश्वास बहाली और संवाद की निरंतरता के रूप में देख रहे हैं।

मोदी का दृष्टिकोण : स्थिरता और सहयोग का संदेश

तियानजिन रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रतिष्ठित समाचार पत्र योमिउरी शिंबुन को दिए साक्षात्कार में कहा था कि – “विश्व की आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए भारत और चीन का मिलकर काम करना बेहद आवश्यक है। स्थिर, पूर्वानुमानित और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध न केवल एशिया बल्कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए भी सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।”

चर्चा के संभावित एजेंडे

सूत्रों के अनुसार, मोदी-जिनपिंग वार्ता में निम्नलिखित मुद्दे प्रमुख रहे:

  • व्यापार संतुलन और निवेश : दोनों देशों के बीच व्यापार घाटे को कम करने और निवेश सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा।
  • सीमा सुरक्षा और शांति : एलएसी पर शांति बनाए रखने और सैन्य संवाद को आगे बढ़ाने पर बल।
  • क्षेत्रीय स्थिरता : अफगानिस्तान, इंडो-पैसिफिक और मध्य एशिया की स्थिति पर साझा दृष्टिकोण।
  • बहुपक्षीय सहयोग : ब्रिक्स, एससीओ और जी-20 जैसे मंचों पर बेहतर तालमेल।

विश्लेषण और महत्व

कूटनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मुलाकात केवल द्विपक्षीय संबंधों की बहाली भर नहीं है, बल्कि बदलते वैश्विक समीकरणों में भारत और चीन की भूमिका को पुनर्परिभाषित करने का प्रयास भी है। अमेरिका और यूरोप के साथ टकराव के बीच एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ यदि एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमत होती हैं तो यह वैश्विक शक्ति-संतुलन को नई दिशा दे सकता है।

टैरिफ वॉर के बीच मोदी-जिनपिंग की अहम मुलाकात, वैश्विक समीकरणों पर गहन चर्चा टैरिफ वॉर के बीच मोदी-जिनपिंग की अहम मुलाकात, वैश्विक समीकरणों पर गहन चर्चा Reviewed by PSA Live News on 3:45:00 pm Rating: 5

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