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- श्री शतचंडी महायज्ञ सह श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूरे विधि विधान से हुई पूजा
- वृंदावन से पधारे संत मनुश्री महाराज ने सत्संग में श्रद्धालुओं के बीच पढ़ाया जीवन-दर्शन का पाठ, कहा, लड़कियों का शिक्षित होना बेहद जरूरी
रांची । हेहल में रूपा शाहदेव के पैतृक भूखंड पर चल रहे श्री शतचंडी महायज्ञ सह श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन मंगलवार को मां कालरात्रि का पूजन पूरे विधि-विधान से किया गया। यज्ञ मंडप में यज्ञाचार्य नागेंद्र नाथ ओझा व सह यज्ञाचार्य निरंजन दास मिश्र ने सभी यजमानों की उपस्थिति में मां भगवती के इस स्वरूप की पूजा की और वैदिक मंत्रों से उनका आवाहन किया। महायज्ञ में वृंदावन से पधारे संत मनुश्री सिंह महाराज ने मां भगवती के भजन से अपने सत्संग कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद उन्होंने श्रद्धालुओं में जीवन-दर्शन का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा व नौकरी की भागमभाग में बच्चे शादी के सही उम्र पार कर जाते हैं। एक बूढ़ा को एक बूढ़ी मिलती है और फिर बांझपन तक झेलना पड़ता है। अगर शिक्षा जरूरी है तो सही उम्र में शादी भी जरूरी है। बहुत से लोग ऐसे हैं जो नौकरी वाली लड़की खोजने में अपनी शादी की उम्र गंवा देते हैं। ऐसे लोगों पर लानत है। मनुश्री महाराज ने ऐसे लड़कों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके पढ़े लिखे व नौकरी से अच्छी-कमाई करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने पहली जिंदगी तैयारियां, पढ़ाई, नौकरी में गुजारी, शेष जिंदगी भी उनकी भागमभाग में ही गुजरेगी। तुम इतने स्वार्थी हो गए कि एक संतान नहीं दे पाए। ज्ञान होना जरूरी है, लेकिन ज्ञान का दुरुपयोग होना जरूरी नहीं है। इतनी भी इच्छाएं न पाल लो कि जिंदगी ठीक से जी न पाओ। उन्होंने वैसे लड़कों से अपील की कि वे नौकरी वाली लड़की की इच्छा के बजाय, पढ़ी-लिखी व शिक्षित लड़की से शादी करें, तो उनके वंश, उनके घर परिवार को एक सही दिशा मिल पाएगी। ज्ञानी सबको होना चाहिए, शिक्षित सबको होना चाहिए। स्त्री को ज्यादा से ज्यादा शिक्षित होना चाहिए। क्योंकि उन्हें अपने घर में अपने बच्चों व सबको आगे बढ़ाना है। वे ज्ञानी नहीं होंगी तो अपने बच्चों को आगे नहीं बढ़ा सकेंगी। पढ़ा-लिखा होना बहुत जरूरी है। संसार में भाग-दौड़ है। बच्चियां पढ़ रही हैं, अच्छी एजुकेशन ले रही हैं। एजुकेशन के साथ अच्छा चरित्र भी होना जरूरी है। अपने परिवार को कैसे चलाया जाय, यह जिंदगी है।
सत्संग के दौरान संत मनुश्री महाराज ने मां भगवती की महिमा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मां भगवती की कृपा हो जाय जो तो क्या नहीं हो सकता है। कथाओं से हम जान रहे हैं कि चाहे ब्रह्मा हो, विष्णु हो या महेश हो, सबको मां भगवती की आवश्यकता पड़ी है। आपकी दुर्गती का नाश करने वाली दुर्गा हैं। जीवन में किसी तरह का कष्ट है और आप दुर्गा की अराधना करेंगे तो आप शक्तिशाली बनेंगे। उन्होंने आगे यह भी बताया कि अगर आपको कृष्ण चाहिए तो आपको राधा की अराधाना करनी होगी। जब ब्राह्मांड में कोई व्यक्ति र बोलता है तो नारायण ब्रह्मांड में कहीं भी विचरण करते हैं वे रूक जाते हैं, रा पर घूम जाते हैं और धा आते ही दौड़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि राधा से एक ही निवेदन रखना कि वे कृपा बनाए रहें। उनकी कृपा से ठाकुर जी मिल सकते हैं।
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दुष्ट संघारक है मां कालरात्रि, करती हैं नकारात्मक शक्तियों का नाश : यज्ञाचार्य
आचार्यों ने कहा कि मां कालरात्रि का नाम लेने भर से ही भूत, प्रेत सहित सभी नकारात्मक शक्तियों का
नाश हो जाता है। यह मां अपने भक्तों को अकाल मृत्यु से बचाती हैं। इस तिथि से ही सभी सिद्धियों की भी प्राप्ति होती है। तंत्र-मंत्र की साधना करने वाले भी मां कालरात्रि की विशेष पूजा करते हैं। मां दुर्गा के इस स्वरूप को महायोगीश्वरी, शंभंकरी व महायोगिनी भी कहा जाता है।
महायज्ञ में सुबह मंडप पूजन, वेदी पूजन के बाद मां का आवाहन किया गया। शाम में मां की आरती हुई।
ऊं ऐं ह्लीं क्लीं चामुंडायै विच्चे, ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:
मां दुर्गा के इस सातवें स्वरूप मां कालरात्रि के लिए प्रसिद्ध मंत्र ऊं ऐं ह्लीं क्लीं चामुंडायै विच्चे, ऊं कालरात्रि दैव्यै नम: है। इसे सिद्ध मंत्र कहा जाता है। इस मंत्र का सवा लाख बार जप करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है। तीनों लोकों में हहाकार मचाने वाले असुर शुंभ-निशुंभ व रक्तबीज का अंत करने के लिए मां दुर्गा को महाकाली का रूप धारण करना पड़ा था। रक्तबीज के खून का एक कतरा भी जमीन पर गिरने नहीं दिया, जिससे दूसरा रक्तबीज पैदा नहीं हुआ और इस तरह मां ने असुरों का संहार किया। तब से ही इन्हें मां कालरात्रि के रूप में पूजा जाता है।
श्रद्धालुओं ने लिया मूंग के हलवा का प्रसाद
कार्यक्रम के अंत में मंगलवार की रात सत्संग मंडप में मौजूद सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मूंग के हलवा का प्रसाद ग्रहण किया।
समारोह में अतिथि के रूप में ये रहे मौजूद
सत्संग समारोह में करमवीर सिंह, धर्मेंद्र तिवारी, प्रदीप वर्मा, शिवपूजन पाठक, रमेश सिंह, सीडीपीओ रांची ऊषा सिन्हा, ब्रजेश कुमार, सुनील कुमार, राजीव रंजन सिंह, चिंटू, मुनचुन राय, रेखा सिंह, सेवानिवृत्त उपायुक्त विनय कुमार दत्ता, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
शिक्षा जरूरी है तो सही उम्र में शादी भी जरूरी, नहीं तो आगे चलकर पछताओगे : मनुश्री महाराज
Reviewed by PSA Live News
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8:17:00 pm
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