साथ ही अखिलेश कुमार को प्रदेश सह-संयोजक और अमित कुमार को धनबाद
जिला का संयोजक नियुक्त किया गया ।
बैठक में संस्था के राष्ट्रीय
कार्यकारिणी के पदाधिकारी
अशोक झा ने पूरे देश भर मे पत्रकारों पर हो रहे हमले को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अपनी जान जोखिम में डालकर पत्रकारिता
करने वाले पत्रकारों को हर जगह कहीं माफियाओं द्वारा तो कही नेताओं के गुर्गों
द्वारा, तो कहीं सरकारी तंत्र के द्वारा उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है जिसपर सरकार सहित सभी राजनीतिक दलों की चुप्पी निराशाजनक है । साथ ही कई मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि माफियाओं द्वारा
हमले के शिकार पत्रकार जब पुलिस मे शिकायत दर्ज कराने जाती है तो उसकी शिकायत दर्ज
करने की जगह पुलिस द्वारा माफियाओं से
उसे सुलह करने की सलाह दी
जाती है और सुलह नहीं करने पर उल्टा उसी के ऊपर कई फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिये जाते
हैं । जबकि पत्रकारों के ऊपर कोई
शिकायत दर्ज होने से पहले
उसे किसी सक्षम अधिकारी से उसकी सत्यता की जांच करवानी चाहिए, जो नहीं किया जा रहा है और सीधे सीधे पत्रकारों को ही दोषी ठहरा दिया जा रहा है जो लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ पर कड़ा प्रहार कर उसे कमजोर करने की साजिश का हिस्सा है। जिसपर समय रहते अगर सरकार और शासन से जुड़ें लोगों के द्वारा
गंभीरता से नहीं लिया गया तो आने वाले समय में हमारे
संविधान की मूल भावना में निहित लोकतन्त्र को बचा पाना भी एक कठिन चुनौती होगा ।
उन्होने सरकार से मांग किया
कि पूरे देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के साथ साथ मीडिया आयोग का शीघ्र
गठन किया जाय और सभी सरकारी कार्यालयों मे पत्रकारों से सम्मान जनक तरीके से बात
और व्यवहार करने का दिशा निर्देश जारी हो । साथ ही पत्रकारों के ऊपर दर्ज किए जाने
वाले मामले को एक आम प्रक्रिया से नहीं बल्कि एक विशेष प्रक्रिया के तहत किसी
सक्षम प्राधिकार से उसकी सत्यता की पहले जांच
कराई जाय और शिकायत फर्जी होने की स्थिति में शिकायतकर्ता
पर कड़ी कारवाई सुनिश्चित किया जाय ।

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