"स्कूल रूआर 2025" का रांची में भव्य शुभारंभ: शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार और शत-प्रतिशत नामांकन को लेकर प्रशासनिक पहल
उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने दीप प्रज्वलन और प्रेरणादायक गीत के साथ अभियान का किया उद्घाटन, 'सीटी बजाओ अभियान 2.0' और IDEAL-NEP 2020 की भी शुरुआत
रांची । शिक्षा को सबके लिए सुलभ और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में आज अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव जिला मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय के नव निर्मित सभागार में "स्कूल रूआर 2025 (Back to School Campaign)" का शुभारंभ उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री द्वारा दीप प्रज्वलन और प्रेरक अभियान गीत "ले मसाले चल पड़े लोग मेरे गांव के..." के साथ किया गया।
इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज, समाज कल्याण पदाधिकारी सुरभि सिंह, जिला परिषद उपाध्यक्ष, प्रखंड प्रमुख, शिक्षा विभाग एवं परियोजना कार्यालय के पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
अभियान के उद्देश्य:
- 5 से 18 वर्ष के सभी बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन और ठहराव सुनिश्चित करना
- ड्रॉपआउट दर को कम करना और बच्चों को स्कूलों में वापस लाना
- बच्चों की उच्च कक्षाओं में निर्बाध प्रोन्नति (Transition) को बढ़ावा देना
- शिक्षा के महत्व पर समुदाय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना
- गैर-नामांकित बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूल से जोड़ना
उपायुक्त ने कहा, “यह कार्यक्रम केवल शैक्षणिक नहीं, सामाजिक दायित्व भी है। शिक्षक, अभिभावक, जनप्रतिनिधि और समाज के हर हिस्सेदार की भागीदारी से ही हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।”
उपायुक्त का विशेष संदेश:
- “शिक्षकों को नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी चाहिए। यदि सुधार नहीं होता तो संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।”
- “जन प्रतिनिधि ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान कर उन्हें प्रेरित करें और नामांकन में भागीदारी निभाएं।”
- “शत-प्रतिशत उपस्थिति और उच्च कक्षा में नामांकन की निरंतरता बनी रहे, इसके लिए सामूहिक सहभागिता आवश्यक है।”
अन्य कार्यक्रमों का शुभारंभ:
1. सीटी बजाओ अभियान 2.0 (ASPIRE):
बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के अधिकार की रक्षा हेतु यह अभियान विशेष रूप से पुनः आरंभ किया गया। इसका उद्देश्य बच्चों की आवाज़ को बुलंद करना और उनके मुद्दों को प्राथमिकता देना है।
2. IDEAL - NEP 2020 की शुरुआत:
नई शिक्षा नीति के अनुरूप गतिविधि आधारित शिक्षण प्रणाली को लागू करने वाला रांची झारखंड का पहला जिला बना। इसका उद्देश्य है कि प्राथमिक स्तर से ही बच्चों में रचनात्मकता, जिज्ञासा और समझ विकसित हो।
महत्वपूर्ण निर्देश और भावी योजना:
- जिले के 1003 गैर-नामांकित बच्चों को विद्यालय से जोड़ा जाएगा।
- 10 मई 2025 तक चलेगा यह अभियान, जिसमें रैलियां, नुक्कड़ नाटक, जागरूकता शिविर और समुदायिक संवाद आयोजित होंगे।
- प्रत्येक विद्यालय में बच्चों के ठहराव और प्रगति पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
कार्यक्रम के अंत में जिला शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार ने बच्चों को शिक्षा के मौलिक अधिकार और संविधान में उसके प्रावधानों की जानकारी दी।
"स्कूल रूआर 2025" सिर्फ एक शैक्षणिक अभियान नहीं, यह बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है।
यह पहल न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाले कल की दिशा तय करेगी।

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