जेपीएससी मुख्य परीक्षा परिणाम में आरक्षण नियमों का उल्लंघन: देवेंद्र नाथ महतो ने उठाई कोटिवार कटऑफ व मार्क्स शीट जारी करने की मांग
संविधान विरुद्ध कार्य का आरोप, अबुआ सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी
रांची, 25 मई । झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा 20 मई 2025 को 11वीं से 13वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का घोषित मुख्य परीक्षाफल एक नए विवाद की आगोश में आ गया है। जेएलकेएम (झारखंड लोक कल्याण मोर्चा) के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष एवं आंदोलनकारी नेता देवेंद्र नाथ महतो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरक्षण नियमों और परीक्षा अधिसूचना संख्या 1/2024 का खुला उल्लंघन किया गया है।
महतो ने आरोप लगाया कि मुख्य परीक्षा परिणाम को संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में दिए गए आरक्षण के प्रावधानों की अवहेलना कर प्रकाशित किया गया है। उन्होंने दावा किया कि जेपीएससी ने झारखंड संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा नियम 2023 के नियम 3(ग) और नियम 19(ख) का पालन नहीं किया है, जिससे एसटी, एससी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और दिव्यांग अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है।
महतो ने कहा, "विज्ञापन में स्पष्ट था कि मुख्य परीक्षा के परिणाम के आधार पर इंटरव्यू के लिए अनारक्षित श्रेणी की कुल सीटों के 2.5 गुना अभ्यर्थियों की सूची बनेगी, और वही कटऑफ मार्क्स माना जाएगा। इसके बाद इस कटऑफ से अधिक अंक लाने वाले ऐसे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी, जिन्होंने किसी प्रकार का आरक्षण नहीं लिया है, उन्हें अनारक्षित श्रेणी में समाहित किया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक आरक्षित श्रेणी के लिए उनकी श्रेणी के अनुसार 2.5 गुना अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए चयनित किया जाना था। लेकिन आयोग ने न तो कोटिवार परीक्षाफल जारी किया और न ही कटऑफ मार्क्स या मार्कशीट।"
महतो ने कहा कि आयोग द्वारा जारी मुख्य परीक्षाफल में पारदर्शिता का घोर अभाव है। उन्होंने मीडिया को प्रमाण सहित बताया कि कैसे नियमों को ताक पर रखकर प्रक्रिया चलाई गई। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "यदि सरकार और आयोग इस पर तत्काल संज्ञान नहीं लेते और नियमों का पालन करते हुए कोटिवार परीक्षाफल तथा कटऑफ मार्क्स जारी नहीं करते हैं, तो झारखंड भर में उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। अबुआ सरकार को आरक्षण से खिलवाड़ की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
जेपीएससी द्वारा अभी तक इस विषय में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन राज्य में परीक्षार्थियों के बीच व्यापक असंतोष की स्थिति बनती दिख रही है।

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