देश में फिर बढ़ा कोरोना का कहर: सक्रिय मामले 3395 के पार, 4 की मौत, केरल और दिल्ली सबसे अधिक प्रभावित
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केरल बना कोरोना का नया हॉटस्पॉट
देश में सबसे अधिक मामले केरल से सामने आ रहे हैं। यहां सक्रिय मामलों की संख्या 1336 तक पहुंच गई है, जो कुल सक्रिय मामलों का लगभग 40 प्रतिशत है। राज्य सरकार ने हाई रिस्क ज़ोन में ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की रणनीति को और तेज़ कर दिया है। स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि मानसून की शुरुआत के साथ संक्रमण और बढ़ सकता है।
महाराष्ट्र और दिल्ली में भी खतरे की घंटी
केरल के बाद महाराष्ट्र में कोरोना मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां 467 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, दिल्ली में 375 कुल मामले और 205 सक्रिय संक्रमित हैं। शनिवार को दिल्ली में कोविड से पहली मौत हुई, जिसमें 60 वर्षीय महिला की जान गई। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, महिला की हाल ही में लैपरोटॉमी सर्जरी हुई थी और वह आंतों की बीमारी से जूझ रही थी। इसके बीच कोविड संक्रमण ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
अन्य राज्यों की स्थिति
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कर्नाटक में सक्रिय मामलों की संख्या 234 हो गई है। बेंगलुरु और मैसूरु सबसे ज्यादा प्रभावित ज़िले हैं।
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पश्चिम बंगाल में भी नए मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है, खासकर कोलकाता और उत्तर 24 परगना ज़िले में।
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उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान में भी संक्रमण की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ रही है।
बिहार और झारखंड में भी दिखने लगे लक्षण
झारखंड और बिहार में कोरोना की मौजूदगी अब गंभीर होने लगी है:
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बिहार में 17 मरीज संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से कई मामले पटना और गया से सामने आए हैं।
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झारखंड में 6 सक्रिय मरीज हैं, जिनमें से अधिकांश रांची और कोडरमा ज़िले से हैं।
हालांकि दोनों राज्यों में अब तक कोई मौत नहीं हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने संभावित फैलाव को देखते हुए अलर्ट मोड पर काम शुरू कर दिया है।
लक्षण और सावधानियां
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस बार कोविड के लक्षणों में तेज बुखार, सूखी खांसी, गले में खराश, थकान और कभी-कभी डायरिया भी देखे जा रहे हैं। संक्रमण के नए वेरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया जारी है। विशेषज्ञों ने आम जनता से अपील की है कि:
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भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें
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हाथों की स्वच्छता बनाए रखें
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हल्के लक्षण दिखने पर टेस्ट कराएं और खुद को आइसोलेट करें
सरकार की रणनीति और तैयारी
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि:
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ICU बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए
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जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए
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स्कूलों और कार्यालयों में भी स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन हो
लापरवाही नहीं, सावधानी ही बचाव
महामारी की भयावहता को देश ने पहले भी झेला है और अब एक बार फिर सजगता ही सबसे बड़ा हथियार है। भले ही यह लहर पहले जैसी घातक न हो, लेकिन तेजी से बढ़ते आंकड़े चिंता का विषय हैं। आम जनता, प्रशासन और स्वास्थ्य तंत्र—तीनों को एकजुट होकर इस संकट का सामना करना होगा।
रिपोर्ट: PSA Live News | स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन डेस्क
संपादन: अशोक कुमार झा, प्रधान संपादक – Ranchi Dastak एवं PSA Live News

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