झारखंड में तंबाकू पर अब होगी सख्ती: राष्ट्रपति ने संशोधित विधेयक को दी मंजूरी, जुर्माना पांच गुना बढ़ा
अब सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान और थूकना पड़ेगा भारी, 1000 रुपये तक जुर्माना; 21 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को बिक्री और सेवन पर रोक
रांची/नई दिल्ली।
झारखंड में अब तंबाकू उत्पादों की खरीद-बिक्री और सेवन पर कड़ा शिकंजा कसने की तैयारी पूरी हो चुकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने "सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय एवं वितरण विनियमन) झारखंड संशोधन विधेयक, 2021" को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह विधेयक अब झारखंड में अधिसूचित होने के बाद विधिवत कानून का रूप ले लेगा।
राज्य सरकार के अनुसार, इस संशोधन के तहत तंबाकू और सिगरेट सेवन पर जुर्माना पांच गुना तक बढ़ा दिया गया है, जो पहले ₹200 था, अब उसे बढ़ाकर ₹1000 कर दिया गया है। यह जुर्माना सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान, तंबाकू थूकने और तंबाकू उत्पादों की अवैध बिक्री पर लागू होगा।
बड़े बदलाव जो अब कानून का हिस्सा होंगे:
✅ 21 वर्ष से कम उम्र के युवाओं पर पूर्ण रोक
अब राज्य में कोई भी व्यक्ति जो 21 वर्ष से कम उम्र का है, न तो तंबाकू उत्पाद खरीद सकेगा और न ही बेच सकेगा। इससे पहले यह आयु सीमा 18 वर्ष थी।
✅ शिक्षण संस्थानों और अस्पतालों की सुरक्षा
शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों, न्यायालयों, सरकारी कार्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों के 100 मीटर की परिधि में तंबाकू उत्पादों की खरीद-बिक्री पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी।
✅ डिब्बा खोलकर सिगरेट बेचने पर भी रोक
अब कोई भी दुकानदार खुले में या डिब्बा खोलकर सिगरेट की एक-एक पीस नहीं बेच सकेगा। यह कदम युवाओं में सिगरेट की आदत को रोकने के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
✅ हुक्का बार पर भी रहेगा पूर्ण प्रतिबंध
झारखंड सरकार पहले ही राज्य में हुक्का बारों पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को कैबिनेट से पारित कर चुकी है। अब इस नियम का उल्लंघन करने पर जेल की सजा या ₹1 लाख से ₹3 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
सरकार का उद्देश्य: ‘तंबाकू मुक्त झारखंड’
राज्य सरकार का यह कदम तंबाकू और नशे की लत से युवाओं को बचाने के लिए एक सशक्त और साहसिक प्रयास माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि तंबाकू का सेवन झारखंड में न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से घातक साबित हुआ है, बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी गंभीर दुष्परिणाम लेकर आया है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में हर साल हजारों लोग तंबाकू जनित बीमारियों से पीड़ित होते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में कैंसर, हृदय रोग और श्वास संबंधी रोग शामिल हैं।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा:
"राष्ट्रपति महोदय की मंजूरी के बाद अब झारखंड में तंबाकू के खिलाफ युद्ध और प्रभावशाली हो गया है। हमारी सरकार जनस्वास्थ्य के मुद्दों पर समझौता नहीं करेगी।"
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस विधेयक को जनहित में ऐतिहासिक करार दिया है। झारखंड लोकस्वास्थ्य मंच के संयोजक अशोक वर्मा ने कहा:
"इस संशोधन से बच्चों और युवाओं को नशे के जाल से बचाने में बड़ी मदद मिलेगी।"
आगे क्या?
अब राज्य सरकार इस संशोधित कानून को लागू करने के लिए व्यापक अभियान चलाने की तैयारी में है। जिला प्रशासन को निर्देश दिए जाएंगे कि सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी और छापेमारी तेज करें। साथ ही स्कूली पाठ्यक्रमों में तंबाकू के दुष्प्रभावों को और प्रभावी तरीके से शामिल किया जाएगा।
राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत यह संशोधन विधेयक झारखंड को स्वस्थ, सुरक्षित और तंबाकू-मुक्त राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह कानून न केवल जुर्माना बढ़ाता है, बल्कि एक नई चेतना और सामाजिक अनुशासन की नींव भी रखता है। अब बारी आम नागरिकों की है कि वे इस पहल में भागीदार बनें और एक स्वस्थ समाज के निर्माण में अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
PSA Live News विशेष रिपोर्ट
रिपोर्ट: अशोक कुमार झा
(झारखंड स्वास्थ्य सुधार श्रृंखला के अंतर्गत)
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