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राष्ट्रीय सेविका समिति का भव्य पथ संचलन, राष्ट्रभक्ति और संस्कृति का गूंजता उद्घोष


रांची। 
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, धुर्वा परिसर रविवार को राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और सांस्कृतिक गौरव के ओजपूर्ण वातावरण से गूंज उठा, जब राष्ट्रीय सेविका समिति की सैकड़ों बहनों ने पारंपरिक वेशभूषा में संगठित एवं अनुशासित पथ संचलन प्रस्तुत किया। यह कार्यक्रम समिति की सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना को पुष्ट करने वाली गतिविधियों का सजीव उदाहरण बन गया।

पथ संचलन की शुरुआत विद्या मंदिर परिसर से हुई, जहाँ सर्वप्रथम मां भारती और भगवा ध्वज के समक्ष पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके बाद पूरे अनुशासन के साथ सेविकाओं की टोलियाँ एक निश्चित क्रम में कदम-ताल मिलाते हुए नगर भ्रमण के लिए निकलीं। संचलन मार्ग में लोगों ने पुष्पवर्षा कर सेविकाओं का अभिनंदन किया।

गर्व और गरिमा का संगम

सेविकाओं के इस आयोजन में न केवल अनुशासन और संगठनशक्ति का दर्शन हुआ, बल्कि उसमें छिपी हुई संस्कारों की ऊर्जा, राष्ट्र नायिकाओं की प्रेरणा और भारतीय संस्कृति की जड़ें भी स्पष्ट दिखाई दीं। पथ संचलन में किशोरी, युवती और प्रौढ़ – सभी आयु वर्ग की सेविकाएँ सम्मिलित थीं, जिन्होंने परंपरागत वेशभूषा के साथ लाठी, ध्वज, और घोष वादन द्वारा पूरे वातावरण को ऊर्जावान बना दिया।

समाज निर्माण में नारी की भूमिका पर बल

पथ संचलन के समापन अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कार्यवाहिका बहन शारदा दीदी ने कहा –
"सेविका समिति केवल एक संगठन नहीं, बल्कि यह राष्ट्र के पुनर्निर्माण में नारी शक्ति की सक्रिय भागीदारी का अभियान है। हम बेटियों को केवल शिक्षित नहीं, संस्कारित बनाना चाहते हैं, जिससे वे नारी शक्ति के आदर्श स्वरूप को समाज के समक्ष प्रस्तुत करें।"

उन्होंने यह भी जोड़ा कि आज की नारी को रक्षक, शिक्षिका, सेवा कार्यकर्ता और राष्ट्र की सजग प्रहरी बनना होगा – यही समिति की प्रेरणा है।

स्थानीय समाज का उत्साह

पथ संचलन को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, विद्यालय के शिक्षक, अभिभावक और संस्कारशील समाज के विभिन्न वर्ग उपस्थित रहे। घरों की छतों से लोग सेविकाओं का अभिवादन कर रहे थे। कई स्थानों पर नगरवासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

संस्कृति और राष्ट्रचेतना की सजीव मिसाल

राष्ट्रीय सेविका समिति द्वारा आयोजित यह आयोजन वर्तमान समय में भारतीय नारी की भूमिका को पुनर्परिभाषित करता है। जहां एक ओर आधुनिकता की दौड़ में पारंपरिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है, वहीं दूसरी ओर यह संगठन अपने कार्यों के माध्यम से मातृशक्ति को उसकी गौरवपूर्ण भूमिका में पुनः स्थापित कर रहा है।

समापन संदेश

कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगीत और वंदे मातरम् के सामूहिक गायन ने वातावरण को पूरी तरह देशभक्ति से सराबोर कर दिया। विद्यालय परिसर में उपस्थित हर व्यक्ति के मन में गर्व की भावना थी कि हमारी मातृशक्ति इतनी संगठित, सशक्त और राष्ट्रनिष्ठ हो सकती है।

राष्ट्रीय सेविका समिति का यह आयोजन केवल एक परंपरागत पथ संचलन नहीं, बल्कि भारतीय नारी के आत्मबल, संगठनशक्ति और संस्कृति के प्रति निष्ठा का सार्वजनिक प्रदर्शन है। ऐसे आयोजनों से समाज को दिशा, बच्चों को प्रेरणा और राष्ट्र को शक्ति मिलती है।

राष्ट्रीय सेविका समिति का भव्य पथ संचलन, राष्ट्रभक्ति और संस्कृति का गूंजता उद्घोष राष्ट्रीय सेविका समिति का भव्य पथ संचलन, राष्ट्रभक्ति और संस्कृति का गूंजता उद्घोष Reviewed by PSA Live News on 2:36:00 pm Rating: 5

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