ब्लॉग खोजें

देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में दानपात्रों से निकली भक्तों की आस्था: लगभग 20 लाख रुपये, सोना-चांदी और दुर्लभ सिक्के चढ़ावे में प्राप्त


देवघर, 25 जुलाई ।
 श्रावणी मेला 2025 के पावन अवसर पर देशभर से उमड़ रहे श्रद्धालुओं की भक्ति और आस्था बाबा बैद्यनाथ धाम में निरंतर अभिव्यक्त हो रही है। इस कड़ी में गुरुवार को बाबा मंदिर प्रांगण स्थित 18 दानपात्रों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच खोला गया, जिसमें भक्तों द्वारा समर्पित चढ़ावे की गणना मंदिर प्रशासन की देखरेख में की गई।

गणना के दौरान दानपात्रों से कुल ₹19,59,565 नगद राशि प्राप्त हुई, जो श्रावणी मेला के दौरान भक्तों की आस्था और योगदान का जीवंत प्रमाण है। इसके अतिरिक्त श्रद्धालुओं द्वारा नेपाली मुद्रा में ₹6,875, लगभग 750 ग्राम चांदी, 23 ग्राम सोना, तथा सन् 1919 का एक दुर्लभ चांदी का सिक्का भी भेंट स्वरूप प्राप्त हुआ।

कड़ी निगरानी और पारदर्शिता के साथ हुई पूरी प्रक्रिया

दानपात्रों को खोलने और राशि गिनने की संपूर्ण प्रक्रिया देवघर के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशन में मंदिर प्रशासन के मानकों के अनुरूप सम्पन्न हुई। प्रशासनिक भवन में एक विशेष कक्ष में, पूरी सीसीटीवी निगरानी, पुलिस सुरक्षा और प्रशासनिक कर्मियों की निगरानी में नकदी और बहुमूल्य धातुओं की गिनती एवं सूचीकरण किया गया।

डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया:

"दानपात्र खोलने की संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता और सुरक्षा मानकों के तहत सम्पन्न की गई है। प्राप्त सोना, चांदी एवं दुर्लभ वस्तुओं की विधिवत सूची बनाई गई है और उन्हें सुरक्षित रूप से संरक्षित किया गया है।"

श्रावणी मेला में उमड़ रही है अपार श्रद्धा

बाबा बैद्यनाथ धाम में श्रावणी मेले के दौरान देशभर से लाखों श्रद्धालु जलार्पण हेतु आ रहे हैं। केवल झारखंड ही नहीं, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से भी कांवरिया बाबा की नगरी में अपनी श्रद्धा समर्पित करने पहुंच रहे हैं। इसी श्रद्धा का प्रतीक है मंदिर में प्रतिदिन हो रहा दान, जो भक्तों की गहरी आस्था और विश्वास को दर्शाता है।

मंदिर प्रशासन ने उठाए विशेष कदम

  • दानपात्रों की सीलिंग, लेबलिंग और खोलने का समय निर्धारित
  • प्रत्येक दानपात्र से निकली राशि एवं सामग्री की स्वतंत्र रूप से दोहरी गणना
  • बाहरी एजेंसियों की उपस्थिति में लेखा परीक्षा की तैयारी
  • सोना-चांदी और बहुमूल्य धातुओं के लिए अलग सुरक्षा कैबिनेट और बैंक लॉकर में सुरक्षित रखने की व्यवस्था
  • श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं से प्राप्त चढ़ावे का समुचित लेखा-जोखा रखने के लिए विशेष टीम गठित

बाबा धाम की संपत्ति, श्रद्धालुओं की आस्था

बाबा बैद्यनाथ मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख स्थान रखता है और यहाँ प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। दानराशि का उपयोग मंदिर परिसर के विकास, धर्मशालाओं के निर्माण, भंडारा सेवा, तीर्थयात्रियों की सुविधाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं में किया जाता है।

निष्कर्ष:

श्रावणी मेले के दौरान बाबा बैद्यनाथ की नगरी एक बार फिर भक्ति, समर्पण और सेवा भावना का केंद्र बन चुकी है। इस अवसर पर प्राप्त दान केवल संख्यात्मक नहीं, बल्कि हिंदुस्तानी समाज की आध्यात्मिक परंपरा, श्रद्धा और सामाजिक उत्तरदायित्व का दर्पण है। प्रशासन की पारदर्शी व्यवस्था और श्रद्धालुओं की भागीदारी बाबा धाम को एक आदर्श तीर्थस्थल के रूप में स्थापित कर रही है।

देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में दानपात्रों से निकली भक्तों की आस्था: लगभग 20 लाख रुपये, सोना-चांदी और दुर्लभ सिक्के चढ़ावे में प्राप्त देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में दानपात्रों से निकली भक्तों की आस्था: लगभग 20 लाख रुपये, सोना-चांदी और दुर्लभ सिक्के चढ़ावे में प्राप्त Reviewed by PSA Live News on 2:07:00 pm Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

Blogger द्वारा संचालित.