झारखंड पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य बीमा में आ रही समस्याओं को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित, डीआईजी (कार्मिक) ने जताई गंभीर चिंता
रांची। राज्य के पुलिसकर्मियों को टाटा ए.आई.जी. बीमा कंपनी द्वारा स्वास्थ्य बीमा के तहत दी जा रही सेवाओं में लगातार मिल रही शिकायतों को लेकर 1 जुलाई 2025 को पुलिस मुख्यालय, रांची स्थित सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता श्री सुरेन्द्र कुमार झा, पुलिस उप-महानिरीक्षक (कार्मिक), झारखंड पुलिस मुख्यालय ने की।
बैठक में टाटा ए.आई.जी. बीमा कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के वरीय प्रबंधक श्री अमीत सिंह समेत कंपनी के अन्य प्रतिनिधियों के साथ-साथ झारखंड पुलिस एसोसिएशन, पुलिस मेन्स एसोसिएशन, एवं पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के शीर्ष पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे।
उपस्थित प्रमुख प्रतिनिधि:
- श्री राहुल कुमार मुर्मू – प्रदेश अध्यक्ष, झारखंड पुलिस एसोसिएशन
- मो. महताब आलम – प्रदेश उपाध्यक्ष, झारखंड पुलिस एसोसिएशन
- श्री कर्ण कुमार सिंह – प्रदेश अध्यक्ष, पुलिस मेन्स एसोसिएशन
- श्री रमेश उरांव – प्रदेश महामंत्री, पुलिस मेन्स एसोसिएशन
- श्री बलराम ठाकुर – प्रांतीय अध्यक्ष, पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ
- श्री सुधीर थापा – प्रांतीय महामंत्री, पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ
बैठक में मुख्य मुद्दे:
बैठक का केंद्रबिंदु "राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना" रहा, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा टाटा ए.आई.जी. कंपनी के साथ अनुबंध (MoU) किया गया है। विभिन्न पुलिस संघों के प्रतिनिधियों ने बीमा सेवाओं की गुणवत्ता और प्रक्रिया में आ रही जमीनी कठिनाइयों पर प्रकाश डाला। इन प्रमुख शिकायतों में शामिल हैं:
- बीमार पुलिसकर्मियों के समय पर अस्पताल में दाखिले में परेशानी
- कैशलेस इलाज की सुविधा में बाधाएं
- नेटवर्क अस्पतालों की सीमित संख्या और उनकी असहयोगी प्रवृत्ति
- क्लेम सेटलमेंट में अनावश्यक देरी
- इलाज के बाद रिफंड प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी
- बीमा राशि की सीमा स्पष्ट न होना
डीआईजी ने जताई गंभीरता:
डीआईजी सुरेन्द्र कुमार झा ने बैठक में सभी समस्याओं को गंभीरता से सुना और टाटा ए.आई.जी. बीमा कंपनी के अधिकारियों से तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि:
"पुलिस विभाग के कर्मी दिन-रात कानून-व्यवस्था, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में जुटे रहते हैं। ऐसे में उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही या विलंब स्वीकार्य नहीं है।"
उन्होंने बीमा कंपनी को निर्देशित किया कि वह सभी जिलों में बीमा नोडल अधिकारी की तैनाती करे, पुलिस लाइन में जागरूकता कैंप लगाए और सीधे संवाद की व्यवस्था सुनिश्चित करे।
आगे की कार्ययोजना:
- टाटा ए.आई.जी. द्वारा सभी लंबित मामलों की तीन सप्ताह में समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
- स्वास्थ्य बीमा सेवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए संयुक्त नियंत्रण कक्ष (Joint Grievance Cell) की स्थापना पर विचार किया जाएगा।
- हर जिले में पुलिसकर्मियों के लिए एक हेल्पलाइन और समर्पित बीमा प्रतिनिधि की तैनाती की जाएगी।
- नोडल अधिकारी की ओर से प्रत्येक माह प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
बैठक में सभी संघों ने एक स्वर में यह मांग दोहराई कि यदि टाटा ए.आई.जी. बीमा कंपनी एमओयू के तहत सेवा मानकों पर खरा नहीं उतरती, तो राज्य सरकार को अनुबंध की समीक्षा करते हुए अन्य बीमा कंपनियों से विकल्प तलाशना चाहिए।
यह बैठक न सिर्फ एक प्रशासनिक औपचारिकता थी, बल्कि झारखंड पुलिस के सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य अधिकारों की दिशा में एक सकारात्मक पहल रही। उम्मीद है कि इस समीक्षा बैठक के परिणामस्वरूप बीमा सेवाओं में शीघ्र ही सुधार देखने को मिलेगा और पुलिसकर्मियों को उनका स्वास्थ्य-संवंधी अधिकार बिना किसी बाधा के मिल सकेगा।

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