जनता दरबार बना जनविश्वास का मंच: उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री की पहल से समस्याओं का हो रहा त्वरित समाधान
रांची, संवाददाता। जनसमस्याओं के समाधान के लिए रांची जिला प्रशासन द्वारा आयोजित जनता दरबार अब एक सशक्त और प्रभावी संवाद मंच बन चुका है। सोमवार को उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में आयोजित इस साप्ताहिक जनता दरबार में एक बार फिर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, भूमि विवाद, दाखिल-खारिज, पेंशन जैसी महत्वपूर्ण जनहित से जुड़ी समस्याओं को सुनने और समाधान की दिशा में त्वरित पहल की गई।
शिक्षा के अधिकार के तहत मिला नया जीवन – दो परिवारों ने जताया आभार
जनता दरबार में उस समय भावुक दृश्य देखने को मिला जब दो परिवार अपने-अपने बच्चों का स्कूल में नामांकन सुनिश्चित होने के बाद उपायुक्त के प्रति आभार प्रकट करने पहुंचे। उन्होंने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत नामांकन की प्रक्रिया अटकी हुई थी, लेकिन उपायुक्त श्री भजन्त्री के हस्तक्षेप और दिशा-निर्देश से अब उनके बच्चे स्कूल जा पा रहे हैं।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा –
"यह 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का सच्चा उदाहरण है। हमारा उद्देश्य है कि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, चाहे वह किसी भी सामाजिक या आर्थिक परिस्थिति से जुड़ा हो।"
दिव्यांग बच्ची को मिला न्याय, पेंशन का त्वरित समाधान
जनता दरबार में एक 15 वर्षीय दिव्यांग बच्ची की मां ने पेंशन न मिलने की शिकायत की। उपायुक्त ने मौके पर ही सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक को निर्देश दिया कि वे तत्परता से जांच करें। जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि बच्ची को विकलांगता पेंशन की स्वीकृति पहले से है, लेकिन परिवार को उसकी अद्यतन जानकारी नहीं थी। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि –
- लाभार्थी परिवार को पेंशन की स्थिति की पूरी जानकारी दी जाए।
- भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए विशेष सतर्कता बरती जाए।
यह प्रशासनिक पारदर्शिता और संवेदनशीलता का एक सशक्त उदाहरण बना।
भू-राजस्व मामलों में सख्ती और संवेदनशीलता – उपायुक्त के स्पष्ट निर्देश
जनता दरबार में जमीन से जुड़ी समस्याएं बड़ी संख्या में सामने आईं। इनमें अवैध कब्जा, दाखिल-खारिज में देरी, सीमांकन में बाधा, रजिस्टर-दो में त्रुटियाँ और ऑनलाइन पंजी में गड़बड़ी जैसी शिकायतें शामिल थीं।
उपायुक्त श्री भजन्त्री ने सभी संबंधित अंचल अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि:
- भूमि विवादों का समाधान पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए।
- अवैध कब्जों की शिकायतों की त्वरित भौतिक सत्यापन कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए।
- दाखिल-खारिज से संबंधित लंबित मामलों का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित किया जाए।
- डिजिटल रजिस्टर-2 सहित सभी दस्तावेजों को अद्यतन किया जाए।
उन्होंने यह भी दोहराया कि भूमि संबंधी मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी, क्योंकि भूमि हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है।
जनता दरबार से बढ़ रहा है जनता का विश्वास
सप्ताह में एक बार आयोजित होने वाले इस जनता दरबार ने आम नागरिकों के लिए प्रशासन तक सीधी पहुँच को सुगम और सुलभ बना दिया है। फरियादियों की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट हो गया है कि लोगों में प्रशासन के प्रति भरोसा लगातार बढ़ रहा है।
उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने अंत में कहा –
“जिला प्रशासन जनसेवा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रत्येक निष्पादन योग्य शिकायत का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। हमारा लक्ष्य है एक जवाबदेह, पारदर्शी और मानवीय प्रशासन देना।”
समाधान नहीं, सेवा भावना बनी पहचान
जनता दरबार अब केवल शिकायत सुनने का मंच नहीं रह गया, बल्कि यह एक सेवा-संवाद और समाधान की प्रक्रिया का जीवंत उदाहरण बन चुका है। रांची जिला प्रशासन की यह पहल न सिर्फ समस्याओं को दूर कर रही है, बल्कि शासन में लोगों की भागीदारी और भरोसे को भी सशक्त बना रही है।

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