मतदाता सूची से लेकर मतदान केंद्र तक – निर्वाचन आयोग की सख्त तैयारी, सीईओ के. रवि कुमार ने दिए स्पष्ट निर्देश
रांची, ब्यूरो रिपोर्ट। राज्य में आगामी चुनावों की पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करने को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) श्री के. रवि कुमार ने सोमवार को सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने मतदाता सुविधा, मतदान केंद्रों की भौगोलिक स्थिति और कर्मचारियों की नियुक्ति से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।
2 किलोमीटर के भीतर हो मतदान केंद्र, अधिकतम 1200 मतदाता हों पंजीकृत
श्री के. रवि कुमार ने स्पष्ट किया कि राज्य भर में मतदान केंद्रों की जियो-फेंसिंग एवं नजरी-नक्शा तैयार किया जा रहा है, ताकि मतदाताओं को अधिक दूरी तय न करनी पड़े। उन्होंने निर्देश दिए कि –
- कोई भी मतदाता अपने मतदान केंद्र तक पहुँचने के लिए 2 किलोमीटर से अधिक दूरी तय न करे।
- प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 तक सीमित रखी जाए।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी क्षेत्र में नए मतदान केंद्र बनाए जाते हैं, तो किसी एक परिवार या टोले के सदस्यों को अलग-अलग केंद्रों पर न भेजा जाए। मतदान केंद्रों का विभाजन करते समय सामाजिक और भौगोलिक समीकरणों का ध्यान रखा जाए, ताकि असुविधा से बचा जा सके।
मतदाता सूची शुद्धिकरण पर विशेष जोर – "एक भी योग्य मतदाता छूटे नहीं"
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग के मूल सिद्धांतों को दोहराते हुए कहा –
"हमारा लक्ष्य है कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे, और कोई भी अपात्र व्यक्ति उसमें शामिल न हो।"
उन्होंने बताया कि भारत के मतदाता बनने के लिए तीन प्रमुख अर्हताएं हैं:
- भारतीय नागरिकता,
- न्यूनतम 18 वर्ष की आयु,
- किसी क्षेत्र में सामान्य निवासी होना।
इस अवसर पर उन्होंने सभी जिलों को निर्देशित किया कि मतदाता सूची के नियमित शुद्धिकरण और अद्यतन कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
बीएलओ की नियुक्ति शीघ्र करें – "स्थानीय निवासी ही हों बीएलओ"
बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि सभी जिलों में बीएलओ (Booth Level Officer), उनके सुपरवाइजर, एईआरओ (AERO), और ईआरओ (ERO) की रिक्तियों को शीघ्र भर लिया जाए। साथ ही बीएलओ की नियुक्ति करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि –
- नियुक्त बीएलओ उसी मतदान क्षेत्र के मतदाता हों।
- स्थानीयता, पहुंच और संवाद की क्षमता को प्राथमिकता दी जाए।
श्री कुमार ने यह भी जोड़ा कि एक जिम्मेदार बीएलओ ही मतदान प्रक्रिया की नींव मजबूत करता है।
राज्यस्तरीय अधिकारी भी रहे बैठक में उपस्थित
इस महत्वपूर्ण बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुबोध कुमार, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री देवदास दत्ता, सहित सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहे। उन्होंने अपने-अपने जिलों में अब तक की गई तैयारियों की जानकारी दी और निर्वाचन से जुड़ी तकनीकी व भौगोलिक समस्याओं पर भी चर्चा की।
चुनाव की तैयारी, जनसुविधा के साथ पारदर्शिता की दिशा में ठोस कदम
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही यह व्यापक तैयारी यह दर्शाती है कि आगामी चुनावों में मतदाताओं की सुविधा, निष्पक्षता और पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग न केवल तकनीकी दृष्टि से सक्षम हो रहा है, बल्कि मतदाता केंद्रित सोच को भी मजबूत बना रहा है।

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