झालावाड़ स्कूल हादसे में दिल दहला देने वाला खुलासा, सात मासूमों की गई जान, 10 शिक्षक व अधिकारी निलंबित
झालावाड़ (राजस्थान)। राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के मनोहरथाना ब्लॉक स्थित पिपलोदी सरकारी स्कूल में शुक्रवार सुबह जो हादसा हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एक सामान्य-सी सुबह जब बच्चे पढ़ाई के लिए स्कूल पहुंचे थे, अचानक वह एक त्रासदी में बदल गई — स्कूल की छत भरभराकर गिर गई। हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई जबकि 9 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कई अन्य बच्चों को मामूली चोटें आई हैं।
स्कूल में दबीं मासूम चीखें — “छत गिर रही है...”
प्रत्यक्षदर्शी बच्चों ने बताया कि हादसे से कुछ देर पहले ही छत से कंकड़ और प्लास्टर झड़ने लगे थे। कई बच्चों ने घबराकर टीचर्स को जानकारी दी, लेकिन उन्हें डांटकर चुप करवा दिया गया और सभी को जबरन बैठाए रखा गया। कुछ ही मिनटों में पूरी छत भरभराकर गिर गई और 35 से ज्यादा बच्चे मलबे में दब गए।
गांववालों ने उठाया मलबा, बच्चों को निकाला बाहर
घटना के तुरंत बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और मलबा हटाने में जुट गए। स्थानीय लोगों ने अपने हाथों से मलबा हटाकर बच्चों को बाहर निकाला। घायलों को मनोहरथाना के सरकारी अस्पताल और झालावाड़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, 5 बच्चों की मौत मौके पर ही हो गई थी, जबकि दो बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
सरकार और प्रशासन की लापरवाही उजागर
जर्जर बिल्डिंग की सूची में नहीं था यह स्कूल!
जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने बयान दिया कि “स्कूल शिक्षा विभाग को पहले ही निर्देश दिए गए थे कि सभी जर्जर भवनों की पहचान कर छुट्टियां घोषित की जाएं,” लेकिन यह स्कूल जर्जर भवनों की सूची में शामिल ही नहीं था। उन्होंने यह भी माना कि प्रशासन को इस भवन की स्थिति की जानकारी नहीं थी।
3 दिन पहले छुट्टी रद्द की गई थी!
स्कूल के रसोइये श्रीलाल भील ने बताया कि “करीब 3 दिन पहले स्कूल में 10 दिन की छुट्टी घोषित करने की बात हो रही थी, लेकिन अचानक फैसला बदल दिया गया और एक दिन बाद ही स्कूल फिर से खोल दिया गया।” यह प्रशासनिक निर्णय अब सात मासूम ज़िंदगियों की कीमत पर भारी पड़ गया।
टीचर्स पर गंभीर लापरवाही का आरोप
बच्चों ने चेताया, टीचर्स ने अनसुना किया
कक्षा में उपस्थित छात्रा वर्षा राज क्रांति ने बताया, “छत से कंकड़ गिर रहे थे, हमने बाहर खड़े टीचर्स को बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि 'चुप बैठो', और कुछ ही मिनटों बाद सब खत्म हो गया।” हादसे के समय स्कूल में दो शिक्षक मौजूद थे, लेकिन वे दोनों बिल्डिंग के बाहर थे और सुरक्षित बच निकले।
कार्रवाई शुरू, 10 लोग निलंबित
राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल की हेडमास्टर सहित 5 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही शिक्षा विभाग के 5 और संबंधित अधिकारियों को भी सस्पेंड किया गया है।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बयान दिया —
“इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी मेरी भी है। हम जांच में किसी को नहीं बख्शेंगे।”
देशभर में ग़म और गुस्सा: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने जताया शोक
इस दर्दनाक हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गहरा दुख प्रकट किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख मुआवज़ा देने की घोषणा की है, जबकि घायलों को ₹50 हजार की सहायता दी जाएगी।
जवाबदेही तय होगी या फिर एक और हादसा?
राजस्थान में सरकारी स्कूलों की इमारतों की हालत पर एक बार फिर सवाल उठ खड़ा हुआ है। सरकारी रिपोर्टों के मुताबिक, हज़ारों स्कूल जर्जर हालत में चल रहे हैं, लेकिन अधिकांश में मरम्मत या स्थानांतरण की प्रक्रिया ठप पड़ी है।
आज का सवाल यही है —
क्या दोषियों को केवल निलंबन से सज़ा मिल जाएगी? क्या सरकार भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी? या फिर अगली बारिश में किसी और गांव के बच्चे मलबे में दफन हो जाएंगे?
हमारी अपील:
👉 प्रत्येक स्कूल भवन का पुनर्मूल्यांकन अनिवार्य रूप से कराया जाए।
👉 स्थानीय प्रशासन को स्कूल भवनों की स्थिति की जिम्मेदारी दी जाए।
👉 जनता से जुड़ी हर इमारत का ऑडिट हर साल किया जाए।
👉 घटना में मृत बच्चों के परिजनों को न्याय और दीर्घकालिक सहायता मिले।
✍️ रिपोर्ट: PSA Live News डेस्क
📍 स्थान: पिपलोदी, झालावाड़, राजस्थान
📆 तिथि: 26 जुलाई, 2025

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