“ऑपरेशन सिपाही रक्षा सूत्र”: तिरंगे की छांव में सैनिकों को समर्पित 12 लाख राखियां, देशभक्ति और भाईचारे का अद्भुत संगम
नई दिल्ली। देश के वीर जवानों के प्रति आभार, सम्मान और बहन-भाई के पवित्र रिश्ते को समर्पित राष्ट्रव्यापी अभियान “ऑपरेशन सिपाही रक्षा सूत्र” ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। पूर्व सैनिक महासभा के अध्यक्ष एवं सिपाही प्रमुख श्री महेन्द्र प्रताप सिंह राणा के नेतृत्व में 12 लाख से अधिक राखियां भारतीय सशस्त्र बलों को ससम्मान समर्पित की गईं। इस भव्य कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ और सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस अभियान की शुरुआत कारगिल विजय दिवस के अवसर पर की गई थी, जिसमें देश के प्रत्येक कोने से नागरिकों, विशेषकर स्कूली छात्रों, स्वयंसेवकों और महिला संगठनों ने दिल से भागीदारी निभाई। यह पहल महज़ रक्षा सूत्र बांधने का कार्य नहीं, बल्कि वीर सपूतों के प्रति देश की बहनों का भावात्मक समर्पण और राष्ट्रभक्ति का सजीव उदाहरण बन गया है।
हर राखी में है मिट्टी का तिलक, हर संकल्प में देश का प्रण
हर रक्षा सूत्र को भारत माता की पावन मिट्टी से तिलक किया गया है। इसके साथ देश के लाखों नागरिकों द्वारा लिखा गया एक संकल्प पत्र भी संलग्न किया गया है, जिसमें उन्होंने सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त किया है और देशसेवा की प्रेरणा को स्वीकारा है। यह पहल उन सैनिकों के लिए स्नेह और शक्ति का प्रतीक बनकर पहुंच रही है, जो -20 से -25 डिग्री सेल्सियस तापमान में सीमाओं की रक्षा में तैनात हैं।
"ऑपरेशन सिंदूर" की सफलता के बाद नया अध्याय
"ऑपरेशन सिंदूर" की सफलता के बाद शुरू हुआ "ऑपरेशन सिपाही रक्षा सूत्र", देशवासियों के दिलों में देश के रक्षकों के प्रति प्रेम और सम्मान को और गहरा कर गया है। रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा,
"यह केवल एक राखी नहीं, बल्कि देश की बहनों की प्रार्थना, प्रेम और विश्वास की डोर है। हमारे सैनिक जब इसे अपनी कलाई पर बांधते हैं, तो उनका हौसला और संकल्प और दृढ़ हो जाता है। इस पुनीत कार्य के लिए महेन्द्र प्रताप सिंह राणा जी को मैं हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।"
21 लाख राखियों का लक्ष्य और विकसित भारत की दिशा
यह अभियान वर्ष 2023 में प्रारंभ हुआ था और अब तक 15 लाख से अधिक संकल्प पत्र और राखियां देश भर से प्राप्त की जा चुकी हैं। वर्ष 2025 के अंत तक 21 लाख रक्षा सूत्रों को भारतीय सेना को समर्पित करने का लक्ष्य है। यह महाभियान न केवल सैनिकों को भावनात्मक बल देता है, बल्कि नागरिक-सैनिक संबंधों को और अधिक गहराई प्रदान करता है।
राष्ट्र के नाम एक साझा संकल्प
“ऑपरेशन सिंदूर” और “ऑपरेशन सिपाही रक्षा सूत्र” जैसे अभियान आज के भारत में सेवा, बलिदान और एकजुटता की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं। ये पहलें “विकसित भारत @2047” की सोच के अनुरूप राष्ट्रीय गौरव, आत्मबल और सामाजिक समरसता को मजबूती प्रदान करती हैं।
श्री महेन्द्र प्रताप सिंह राणा का यह प्रयास केवल एक सामाजिक पहल नहीं, बल्कि एक राष्ट्र निर्माण अभियान है, जो हर नागरिक को यह याद दिलाता है कि हम अपने सैनिकों के ऋणी हैं — और इस ऋण का प्रतिकार हम अपने प्रेम, सम्मान और एकजुटता से ही कर सकते हैं।
रिपोर्ट: PSA Live News ब्यूरो
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