राँची। झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र गुरुवार, 1 अगस्त से शुरू हुआ। सदन की कार्यवाही की शुरुआत स्पीकर रवींद्रनाथ महतो के संबोधन से हुई। उन्होंने सदन को बताया कि यह सत्र 1 अगस्त से 7 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल पाँच कार्य दिवस होंगे।
स्पीकर ने जानकारी दी कि 4 अगस्त को वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट सदन में पेश किया जाएगा, जो राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और तात्कालिक वित्तीय आवश्यकताओं को दर्शाएगा। इसके अलावा इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा और पारित होने की संभावना जताई जा रही है।
दिशोम गुरु शिबू सोरेन के स्वास्थ्य का जिक्र
अपने संबोधन में स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के संरक्षक और राज्य के लोकप्रिय नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के स्वास्थ्य का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने पूरे सदन की ओर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
श्रद्धांजलि अर्पण से हुई कार्यवाही की शुरुआत
सत्र के पहले दिन सदन ने दिवंगत हुई कई प्रतिष्ठित हस्तियों और आम नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक प्रस्ताव पारित कर उन्हें नमन किया गया। श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित की गई, ताकि दिवंगत आत्माओं के प्रति सम्मान प्रकट किया जा सके।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा
जानकारों के अनुसार इस मानसून सत्र में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी बहस की संभावना है। बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे विषयों पर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, बाढ़ और सूखे जैसी मौसमी आपदाओं से निपटने की रणनीति भी सत्र के एजेंडे में शामिल हो सकती है।
जनता की उम्मीदें
राज्य की जनता को इस सत्र से काफी उम्मीदें हैं। विशेषकर किसानों, शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों से जुड़े मसलों पर निर्णय आने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सत्र आगामी निकाय और पंचायत चुनावों से पहले राज्य सरकार की नीतियों का महत्वपूर्ण संकेतक साबित हो सकता है।

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