नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में रविवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए छठ महापर्व को हिंदुस्तान की अद्वितीय सांस्कृतिक और आस्था से जुड़ी परंपरा बताया। उन्होंने कहा कि सूर्यदेव और छठी मैया की आराधना का यह पर्व न केवल बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश और विश्व में बसे भारतीय समुदाय के लिए गहरी आस्था और एकता का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने कहा – “सूर्यदेव को समर्पित छठ महापर्व हमारी सांस्कृतिक परंपरा का भव्य और दिव्य उत्सव है। यह पर्व हमें पर्यावरण, जल और प्रकृति के प्रति सम्मान का संदेश देता है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमारी सरकार छठ महापर्व को UNESCO की सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल कराने के प्रयासों में जुटी है। इससे न केवल बिहार और पूर्वांचल की संस्कृति को वैश्विक पहचान मिलेगी, बल्कि हमारी सनातन परंपराओं का गौरव भी बढ़ेगा।”
पीएम मोदी ने छठ व्रत की अनूठी विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पर्व अनुशासन, संयम और पर्यावरण-संरक्षण का जीवंत उदाहरण है। नदी-तालाबों और स्वच्छ जलस्रोतों के संरक्षण से लेकर प्रकृति के प्रति श्रद्धा तक, छठ महापर्व लोक और शास्त्र के अद्भुत संगम को दर्शाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह पर्व UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल होता है, तो यह बिहार सहित पूरे हिंदुस्तान की लोक-संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर विशेष पहचान दिलाएगा।
गौरतलब है कि छठ पर्व की परंपरा वैदिक काल से मानी जाती है और इसे सबसे स्वच्छ और कठोर व्रतों में गिना जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य जैसे अनुष्ठान होते हैं।
प्रधानमंत्री की इस घोषणा से बिहार और पूर्वांचल सहित पूरे देश में उत्साह का माहौल है। सांस्कृतिक संगठनों और श्रद्धालुओं ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि इससे भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की वैश्विक पहचान और मजबूत होगी।
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6:11:00 pm
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