रांची। दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी )मंदिर में आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रसिद्ध पापांकुशा एकादशी व्रत को ले 03 अक्टूबर शुक्रवार को संपूर्ण मनोरथों को देनेवाले परमात्मदेव श्रीश्रीनिवास का तिरुमंजनानुष्ठान हुआ। इस अवसर पर विविध रूपधारी पद्मनाभ श्रीवासुदेव का विभिन्न उपचारों के साथ श्रीवैष्णो परंपरा के पांचरात्र आगम शास्त्र में बताये विधान के अनुसार सुप्रभातम् , प्रातः वंदन आदि के बाद तिरूवाराधन संपादन हुआ । पुराणों में कहा है की चिरकाल तक कठोर तपस्या करके जिस फल को प्राप्त किया जाता है , वह एकादशी में भगवान् गरुड़ध्वज की अर्चना , दंण्डवत् प्रणाम और प्रदक्षिणा करके प्राप्त कर लेता हैं । इस प्रकार भारी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने प्रातः 7:00 बजे से 12:00 बजे तक एवं सायं 4:00 बजे से 7:00 बजे तक अपने-अपने मनोभिलाषित वरों की कामना से अगणित ब्रह्माण्डों के स्वामी भगवान श्रीवेंकटेश्वर की अष्टोत्तर पुष्प अर्चना एवं दयामयी श्रीमहालक्ष्मी की अष्टोत्तर शतनामावली मंत्रों से कुंकुम अर्चना करायी । इसके पूर्व भगवान का तैत्तिरीय उपनिषद , नारायणुवाक आदि वैदिक ऋचाओं के उच्चारण पूर्वक दूध,दधि,हल्दी,चंदन , शहद, गंगाजल , नारियल डाभ जल एवं केसर मिश्रित जल से क्रमानुसार महाभिषेक कराया गया । फिर भगवान् और भगवती महालक्ष्मी इत्यादि सभी प्रतिष्ठापित विग्रहों के श्रीअंग दिव्य रेशमी वस्त्रों से आवृत करके सुन्दर रत्नमय आभूषणों के समुदाय से भव्य अलंकार समर्पण करके भगवान् दंपति को फलाहारी व्यंजनों का बालभोग नैवेद्य हुआ । तदनन्तर नक्षत्र, कुंभ और कर्पूर की बाती से महाआरती हुयी । फिर सुश्राव्य वेदध्वनियों से महास्तुति की गयी ।
आज महाभिषेक के यजमान श्री संजय चौधरी धर्मपत्नी श्रीमती सुनीता चौधरी राँची निवासी हुये ।
अर्चक : श्री सत्यनारायण गौतम श्री गोपेश आचार्य और श्री नारायण दास जी ने आज के अनुष्ठान को विधिवत् संपन्न कराया ।
उपस्थित हुए सर्वश्री : राम अवतार नरसरिया अनूप अग्रवाल प्रदीप नरसरिया घनश्याम दास शर्मा रंजन सिंह अशोक धनानी भोला वर्णवाल प्रभाष मित्तल आदि ।
एकादशी तिथि पर भगवान का हुआ महाभिषेक
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8:23:00 pm
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