सैन्य नर्सिंग सेवा (एमएनएस) ने मनाया शताब्दी समारोह: रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने किया विशेष स्मारक डाक टिकट व ई-वृत्तचित्र का लोकार्पण
नई दिल्ली/ रांची। दिल्ली कैंट स्थित ऐतिहासिक मानेकशॉ सेंटर आज एक गौरवशाली क्षण का साक्षी बना, जब सैन्य नर्सिंग सेवा (एमएनएस) ने अपने 100 वर्ष पूरे होने पर भव्य शताब्दी समारोह का आयोजन किया। यह अवसर न केवल एमएनएस के अदम्य साहस, करुणा और समर्पण की गाथा का उत्सव था, बल्कि सशस्त्र बलों की स्वास्थ्य सेवाओं के भविष्य की दिशा में एक नए अध्याय का उद्घाटन भी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित माननीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने सैन्य नर्सिंग सेवा की ऐतिहासिक उपलब्धियों को नमन करते हुए कहा कि “एमएनएस साहस और देखभाल का जीवंत उदाहरण है, जिसने पिछले एक शतक में अनगिनत सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन को संबल और सुरक्षा प्रदान की है।”
समारोह की विशेष झलकियाँ
- रक्षा राज्य मंत्री ने एमएनएस शताब्दी को स्मरणीय बनाने हेतु स्मारक डाक टिकट, प्रथम दिवस आवरण और शताब्दी डायरी का विमोचन किया।
- ‘साहस, देखभाल और प्रतिबद्धता की शताब्दी’ को दर्शाने वाली एक विशेष ई-वृत्तचित्र का शुभारंभ किया गया, जिसमें एमएनएस की ऐतिहासिक यात्रा, योगदान और उपलब्धियों को जीवंत किया गया है।
- समारोह का एक विशेष आकर्षण रहा एमएनएस का वीआर (वर्चुअल रियलिटी) संग्रहालय, जहां माननीय मंत्री ने 7 मिनट की इमर्सिव वर्चुअल यात्रा का अनुभव किया। यह संग्रहालय, एमएनएस के इतिहास और योगदान को डिजिटल तकनीक के माध्यम से प्रस्तुत करने का पहला प्रयोग है, जिसने कार्यक्रम में आधुनिकता और भावनात्मकता का अद्वितीय संगम पेश किया।
उच्चस्तरीय सैन्य नेतृत्व की उपस्थिति
इस समारोह में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) के वरिष्ठ अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इनमें शामिल थे—
- सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन, एवीएसएम, वीएसएम, डीजी एएफएमएस
- लेफ्टिनेंट जनरल सी. जी. मुरलीधरन, डीजीएमएस (सेना)
- सर्जन वाइस एडमिरल कविता सहाय, एसएम, वीएसएम, डीजीएमएस (नौसेना)
- एयर मार्शल संदीप थरेजा, एसएम, वीएसएम, डीजीएमएस (वायु सेना)
- मेजर जनरल लिसम्मा पी. वी., एडीजी, एमएनएस
इन सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने एमएनएस की सौ वर्षीय यात्रा को सशस्त्र बलों के लिए एक “गौरवपूर्ण धरोहर” बताया और भावी पीढ़ियों को प्रेरणा देने वाला करार दिया।
भविष्य के प्रति संकल्प
माननीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने अपने संबोधन में कहा कि एमएनएस की शताब्दी समारोह केवल अतीत का उत्सव नहीं है, बल्कि यह आने वाले वर्षों में सशस्त्र बलों की स्वास्थ्य सेवा को और अधिक सशक्त, आधुनिक और मानव केंद्रित बनाने का संकल्प भी है। उन्होंने एमएनएस को “सैन्य परिवार की जीवनरेखा” बताते हुए उनकी निस्वार्थ सेवा भावना और कठिन परिस्थितियों में निभाई गई भूमिका की विशेष प्रशंसा की।
सैन्य नर्सिंग सेवा का यह शताब्दी समारोह न केवल एक शतक की गौरवगाथा का उत्सव था, बल्कि यह भविष्य की दिशा में स्वास्थ्य सेवा और मानवीय संवेदनाओं के नए मानदंड तय करने का अवसर भी। जिस प्रकार एमएनएस ने अपने 100 वर्षों की यात्रा में करुणा, समर्पण और वीरता की मिसाल कायम की है, वह आने वाले दशकों में भी सशस्त्र बलों के लिए प्रेरणादायी बनी रहेगी।

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