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रांची में फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ — आर्मी इंटेलिजेंस और रांची पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में तीन गिरफ्तार, करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश


रांची, संवाददाता। 
राजधानी रांची में फर्जी सरकारी नौकरियों का वादा कर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। लखनऊ मिलिट्री इंटेलिजेंस और रांची पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों पर आर्मी (MES), रेलवे, केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूलने का आरोप है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान चंदन कुमार सिंह, गौतम कुमार, और विनोद कुमार के रूप में की गई है। ये तीनों लंबे समय से फर्जी भर्ती प्रक्रिया और दस्तावेजों के माध्यम से बेरोजगार युवाओं से ठगी कर रहे थे। पुलिस ने इनके पास से कई फर्जी नियुक्ति पत्र, सरकारी मुहर, लैपटॉप, मोबाइल फोन, और भारी मात्रा में नकदी बरामद की है।

कैसे हुआ रैकेट का पर्दाफाश

लखनऊ मिलिट्री इंटेलिजेंस को पिछले कुछ महीनों से फर्जी आर्मी नियुक्तियों से जुड़ी कई शिकायतें मिल रही थीं। जांच में पता चला कि यह नेटवर्क झारखंड की राजधानी रांची से ऑपरेट हो रहा है। इंटेलिजेंस ने तुरंत रांची पुलिस से संपर्क कर संयुक्त टीम का गठन किया।

गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने रांची शहर में छापेमारी की और तीनों आरोपियों को महावीर चौक और धुर्वा इलाके से गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने देशभर के सैकड़ों अभ्यर्थियों से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये वसूले हैं।

फर्जी भर्ती की हाई-टेक साजिश

जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी गिरोह फर्जी वेबसाइट, ईमेल आईडी और कॉल सेंटर के जरिए उम्मीदवारों से संपर्क करते थे। वे उम्मीदवारों को विश्वास में लेने के लिए डिफेंस भर्ती बोर्ड, रेल मंत्रालय और स्टाफ सिलेक्शन कमीशन जैसे नामों का दुरुपयोग करते थे।

आरोपी नकली नियुक्ति पत्र तैयार करने के लिए कंप्यूटर और स्कैन की गई सरकारी मुहरों का इस्तेमाल करते थे। कुछ मामलों में उम्मीदवारों को फर्जी ट्रेनिंग कॉल लेटर और मेडिकल सर्टिफिकेट तक जारी किए गए थे।

रांची पुलिस का बयान

रांची पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है —

“लखनऊ मिलिट्री इंटेलिजेंस के सहयोग से एक बड़े अंतरराज्यीय ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और इनके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज, नकली नियुक्ति पत्र और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।”

मामला दर्ज, नेटवर्क की जांच जारी

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 (धोखाधड़ी और जालसाजी) समेत कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही इस पूरे नेटवर्क की बैंकिंग ट्रांजेक्शन और कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है ताकि इस ठगी के पूरे रैकेट को उजागर किया जा सके।

देश के कई राज्यों में फैला नेटवर्क

प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यह गिरोह सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, और पश्चिम बंगाल में भी सक्रिय था। कई अभ्यर्थियों से ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से रकम वसूली गई। आरोपियों ने अब तक दर्जनों युवाओं से प्रत्येक से ₹3 से ₹8 लाख तक लिए हैं।

मिलिट्री इंटेलिजेंस की सख्त चेतावनी

लखनऊ मिलिट्री इंटेलिजेंस ने कहा है कि सेना में भर्ती की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी है। किसी भी व्यक्ति या संस्था के माध्यम से भर्ती कराने का दावा पूरी तरह फर्जी है। सेना ने युवाओं से अपील की है कि वे ऐसे झांसे में न आएं और किसी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी तुरंत स्थानीय पुलिस या आर्मी हेडक्वार्टर को दें।

“यह कार्रवाई युवाओं को झांसा देने वाले गिरोहों के खिलाफ एक बड़ा सबक है। अब जांच के जरिए पूरे नेटवर्क को खत्म किया जाएगा।”
एसएसपी रांची कार्यालय, आधिकारिक बयान।

रांची में फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ — आर्मी इंटेलिजेंस और रांची पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में तीन गिरफ्तार, करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश रांची में फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ — आर्मी इंटेलिजेंस और रांची पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में तीन गिरफ्तार, करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश Reviewed by PSA Live News on 2:04:00 pm Rating: 5

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