सारंडा के जंगलों में फिर गूंजी धमाके की आवाज, नक्सलियों ने बिछाए थे दो IED, सुरक्षाबलों ने किया मुंहतोड़ जवाब
चाईबासा, झारखंड। पश्चिम सिंहभूम जिले के कुख्यात सारंडा वन क्षेत्र में नक्सलियों ने एक बार फिर सुरक्षा बलों को निशाना बनाया। शुक्रवार शाम को जराईकेला थाना क्षेत्र के समठा गांव के पास दो शक्तिशाली IED विस्फोट हुए, जिसमें CRPF की 60वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर शहीद हो गए, जबकि दो अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
जानकारी के अनुसार, CRPF की टीम नियमित नक्सल विरोधी सर्च अभियान पर थी, तभी पहले से बिछाए गए IED विस्फोटकों में जोरदार धमाका हुआ। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास का इलाका दहल उठा।
घायल जवानों को तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए राउरकेला स्थित अस्पताल ले जाया गया। असम निवासी हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर की हालत अत्यंत गंभीर थी और उपचार के दौरान शनिवार सुबह उन्होंने शहादत दे दी।
सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से इलाके में श्रृंखलाबद्ध IED लगाई थीं, ताकि सर्च ऑपरेशन को रोका जा सके। विस्फोट के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और काउंटर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
स्थानीय पुलिस और CRPF अधिकारियों के मुताबिक, यह हमला नक्सलियों की बौखलाहट का संकेत है। हाल के दिनों में सारंडा क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के कई ठिकाने ध्वस्त किए हैं और उनके नेटवर्क को तोड़ने में सफलता पाई है।
घटना की पुष्टि करते हुए चाईबासा पुलिस अधीक्षक ने कहा,
“नक्सलियों की कायराना हरकत का करारा जवाब दिया जाएगा। क्षेत्र में अभियान और तेज किया गया है और जिम्मेदारों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
शहीद महेंद्र लश्कर के निधन की खबर से उनके गृहराज्य असम में शोक की लहर है। स्थानीय लोगों ने उन्हें सच्चा वीर बताया, जिसने देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, फिलहाल सारंडा वन क्षेत्र को सील कर तलाशी अभियान जारी है। बम निरोधक दस्ते और ड्रोन यूनिट की मदद से इलाके की स्कैनिंग की जा रही है ताकि और कोई विस्फोटक मौजूद न हो।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सारंडा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अभियान कितना जोखिम भरा है और सुरक्षा बल हर दिन जान हथेली पर रखकर देश की सुरक्षा कर रहे हैं।
Reviewed by PSA Live News
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2:15:00 pm
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