✍️ लेखक: अशोक कुमार झा, प्रधान संपादक, Ranchi Dastak एवं PSA Live News
भाग 1: पाकिस्तान का कूटनीतिक पतन और भारत की उभरती रणनीतिक धार
● पाकिस्तान: एक असफल राष्ट्र, जो अब भरोसे के लायक नहीं रहा
2025 में पाकिस्तान की स्थिति एक ऐसे राष्ट्र की हो गई है, जो कूटनीतिक रूप से अलग-थलग, आर्थिक रूप से कंगाल, और सामाजिक रूप से विखंडित है।
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FATF की चेतावनी फिर से लौट आई है
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IMF और वर्ल्ड बैंक से बार-बार मदद की गुहार के बावजूद सशर्त सहायता
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गलत नरेटिव फैलाने का प्रयास—जैसे कि कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाना—अब पूरी तरह निष्फल हो चुका है
● भारत की कूटनीति: “दबाव + सबूत = विश्व समुदाय का समर्थन”
भारत ने 2025 में यह सिद्ध किया कि सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, कूटनीतिक मोर्चा भी जीता जा सकता है।
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UN में भारत की मजबूत मौजूदगी ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा किया
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G20 भारत की अध्यक्षता से विश्व समुदाय को ‘नए भारत’ की झलक मिली
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद सबूतों के साथ अंतरराष्ट्रीय ब्रीफिंग ने पाकिस्तान को बेनकाब किया
भाग 2: वैश्विक आतंकवाद और भारत का निर्णायक दृष्टिकोण
● भारत अब आतंकवाद को केवल "घटना" नहीं, "नीति" मानता है
भारत की नीति अब कहती है—
“आतंकवाद का खात्मा सिर्फ गोली से नहीं, उसकी विचारधारा और पोषण तंत्र के खात्मे से होगा।”
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कूटनीतिक रूप से आतंक के समर्थकों का बहिष्कार
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डिजिटल स्तर पर आतंक के नेटवर्क को निष्क्रिय करना
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‘Counter Narrative Diplomacy’ के तहत इस्लामी देशों को आतंक से दूरी बनाने के लिए प्रेरित करना
● भारत ने FATF, SCO, और UN में क्या पहल की?
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FATF में पाकिस्तान को ग्रे सूची में वापस लाने की सिफारिश
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SCO के मंच से आतंकवाद की फंडिंग रोकने के लिए कानूनों पर सहमति
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UNGA में प्रस्ताव: ‘टेररिज्म फ्री एशिया’
भाग 3: ग्लोबल साउथ का नया नेता — भारत
● ग्लोबल साउथ: यानी विकासशील देशों की आवाज़
ग्लोबल साउथ में अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देश आते हैं, जो अब तक विकसित देशों की आर्थिक और रणनीतिक नीति के शिकार रहे हैं।
लेकिन 2025 में भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि—
“हम सिर्फ G7 या NATO से संबंध नहीं चाहते, हम ग्लोबल साउथ के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ेंगे।”
● भारत की पहलें:
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Global South Virtual Summit (जनवरी 2025): 130 से अधिक देशों को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा:
“हम आपके लिए बोलते हैं, आपके साथ हैं।”
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Vaccine Maitri, Solar Alliance, Millet Mission जैसे कार्यक्रमों ने भारत को विकास-सहयोग का विश्वगुरु बनाया
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BRICS की नई मुद्रा पहल में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका
भाग 4: भारत बनाम चीन – वैश्विक नेतृत्व की नई स्पर्धा
● चीन की रणनीति: कर्ज देकर पकड़ बनाओ
● भारत की रणनीति: साझेदारी से शक्ति बढ़ाओ
चीन जहां बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के ज़रिए छोटे देशों को कर्ज के जाल में फंसा रहा है, वहीं भारत उन्हें—
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तकनीक
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डिजिटल पहचान
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चिकित्सा उपकरण
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शिक्षा और स्टार्टअप मॉडल
प्रदान कर रहा है। इससे ग्लोबल साउथ के देशों में भारत के प्रति विश्वसनीयता बनी है।
● अफ्रीका में भारत:
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भारत 25 से अधिक देशों में डिजिटल यूनिवर्सिटी खोल रहा है
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चीन की तुलना में भारत की मदद पारदर्शी और समर्पण आधारित मानी जा रही है
भाग 5: भारत की ‘Global Vishwas Neeti’ — नए विश्व की संकल्पना
भारत की विदेश नीति अब केवल रणनीतिक ही नहीं, नैतिक और सैद्धांतिक भी है।
प्रधानमंत्री मोदी की नीति में तीन प्रमुख स्तंभ हैं:
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Vishwa Bandhutva (वैश्विक भाईचारा)
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Sahyog se Samriddhi (सहयोग से समृद्धि)
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Antarrashtriya Nyay (अंतरराष्ट्रीय न्याय)
● इसका असर क्या दिखा?
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इजरायल-फिलिस्तीन, यूक्रेन-रूस और अमेरिका-ईरान विवादों में भारत की आवाज़ संतुलन की रही
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भारतीय सेना और NDRF को अफ्रीका और तुर्की जैसे देशों में मानवीय सहायता के लिए भेजा गया
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भारत अब UN Peacekeeping में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना है
भारत अब सिर्फ एक देश नहीं, एक वैश्विक विचार है
2025 में भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह सिर्फ दक्षिण एशिया का प्रहरी नहीं, विकासशील देशों का दिशा-निर्देशक बन चुका है।
भारत की नीति अब कहती है— “हम आतंकवाद के विरुद्ध हैं, लेकिन युद्ध के पक्ष में नहीं। हम ग्लोबल साउथ के साथ हैं, लेकिन पश्चिम के विरोधी नहीं। हम शांति चाहते हैं, लेकिन आत्मसमर्पण नहीं।”
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