आतंकवाद पर हिंदुस्तान की नीति स्पष्ट: अब न सहेंगे, न सहे जाएंगे – अमेरिका से शशि थरूर का दो टूक संदेश
न्यूयॉर्क में वाणिज्य दूतावास से थरूर का वैश्विक संदेश – “शांति चाहते हैं लेकिन आत्मरक्षा में संकोच नहीं” पाकिस्तान को चेताया – “आतंकवाद को साधन बनाने वालों को मिलेगा करारा जवाब”
2015 के एयरबेस हमले का ज़िक्र कर पाकिस्तान के चरित्र को किया बेनकाब
समाचार विस्तार:
न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। आतंकवाद पर हिंदुस्तान की नीति अब बिल्कुल स्पष्ट और असंदिग्ध हो चुकी है – "न तो आतंक को चुपचाप सहेंगे, न ही जवाब देने में पीछे हटेंगे"। यही कड़ा और निर्णायक संदेश लेकर कांग्रेस सांसद और अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ डॉ. शशि थरूर अमेरिका पहुंचे हैं। न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में आयोजित एक उच्चस्तरीय संवाद के दौरान उन्होंने वैश्विक समुदाय को बताया कि हिंदुस्तान अब आतंक के खिलाफ वैश्विक मंचों पर खामोश नहीं रहेगा।
पारंपरिक कूटनीति से आगे बढ़ते हुए थरूर ने पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवाद को लेकर सीधे-सीधे उसकी मंशा और रणनीति का पर्दाफाश किया। पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले का हवाला देते हुए उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा –
"भारत अब हर आतंकी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देगा।"
युद्ध नहीं, विकास की चाह: पर मजबूरी में आत्मरक्षा तय
थरूर ने कहा कि हिंदुस्तान की प्राथमिकता युद्ध नहीं, बल्कि शांति और विकास है। लेकिन पाकिस्तान की मंशा बार-बार बाधा डालने की रही है।
"हम पाकिस्तान से युद्ध नहीं चाहते। हम तो चाहते हैं कि हमें शांति से अपने देश का विकास करने दिया जाए। लेकिन अफसोस, पाकिस्तान की सोच अलग है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान आज भी उन ज़मीनों पर नज़र गड़ाए हुए है जो ऐतिहासिक, संवैधानिक और व्यावहारिक रूप से हिंदुस्तान का अभिन्न हिस्सा हैं। और जब सीधी लड़ाई में बात नहीं बनती, तो वे आतंकवाद जैसे कायरतापूर्ण हथियार का इस्तेमाल करते हैं।
2015 एयरबेस हमला: पाकिस्तान की भूमिका पर उठाए गंभीर सवाल
थरूर ने 2015 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले की चर्चा करते हुए पाकिस्तान की मंशा और पाखंड को उजागर किया।
उन्होंने बताया कि यह हमला प्रधानमंत्री की पाकिस्तान यात्रा के ठीक एक महीने बाद हुआ था, जो आपसी विश्वास और शांति की दिशा में एक प्रयास था।
“हमारे प्रधानमंत्री ने तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को खुद फोन कर कहा – आइए मिलकर जांच करते हैं। लेकिन क्या हुआ? पाकिस्तान से आई जांच टीम भारत लौटने के बाद कहती है कि हमला तो भारत ने खुद पर किया। इससे बड़ा अपमान और धोखा क्या हो सकता है?”
थरूर ने कहा – "2015 पाकिस्तान के लिए आखिरी मौका था। अगर वे चाहते, तो उस समय दुनिया को दिखा सकते थे कि वे आतंकवाद के खिलाफ गंभीर हैं। लेकिन उन्होंने फिर वही किया – धोखा।"
वैश्विक बिरादरी को चेतावनी: अब भारत चुप नहीं रहेगा
अमेरिका में अपने दौरे के दौरान शशि थरूर का स्पष्ट संदेश रहा कि "भारत आतंकवाद के मुद्दे पर अब वैश्विक मंचों पर चुप नहीं बैठेगा। न कोई समझौता होगा, न कोई भ्रम।"
थरूर ने यह भी कहा कि "हम अब दुनिया को केवल यह दिखाना नहीं चाहते कि हम पीड़ित हैं, हम यह दिखाना चाहते हैं कि हम जवाब देने में सक्षम हैं।"
पाकिस्तान के लिए अब विकल्प नहीं: या तो सुधारें या परिणाम भुगतें
थरूर की बातों से यह स्पष्ट संकेत गया है कि हिंदुस्तान की रणनीति अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि नीतिगत और निर्णायक होगी।
पाकिस्तान को यह चुनना होगा कि वह आतंक का पोषण करेगा या क्षेत्रीय शांति में योगदान देगा। लेकिन अगर वह पहले विकल्प पर अड़ा रहा, तो हिंदुस्तान अब चुप नहीं बैठेगा।
शशि थरूर का यह अमेरिकी दौरा केवल राजनयिक संवाद नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ हिंदुस्तान की नई और मजबूत नीति की घोषणा है। यह साफ है कि अब कोई भी आतंकवादी हमला बिना जवाब नहीं जाएगा, और पाकिस्तान को हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब किया जाएगा।

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