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1.53 करोड़ की ऑनलाइन ठगी करने वाला साइबर अपराधी चढ़ा पुलिस के हत्थे, झारखंड CID की बड़ी कार्रवाई


रांची/हापुड़। 
झारखंड पुलिस की अपराध अनुसंधान विभाग (CID) ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार कर एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। यह मामला करीब 1.53 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसमें पीड़ित को व्हाट्सएप के माध्यम से फर्जी निवेश योजनाओं में फंसाकर ठगा गया था। आरोपी मोहम्मद आसिफ, उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले का रहने वाला है।

ठगी का तरीका: डिजिटल जाल में फंसाकर करोड़ों की चपत

CID अधिकारियों के अनुसार, आरोपी और उसके गिरोह के सदस्यों ने एक योजनाबद्ध तरीके से पीड़ित से संपर्क किया।
व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क कर आरोपी ने खुद को एक नामी निवेश कंपनी का प्रतिनिधि बताया और कहा कि कुछ खास डिजिटल योजनाओं में निवेश करने पर कुछ ही हफ्तों में रकम 5 से 10 गुना तक बढ़ सकती है।
लुभावने वादों और पेशेवर भाषा में बातचीत करते हुए, आरोपी ने पीड़ित का विश्वास जीत लिया और एक फर्जी वेबसाइट लिंक भेजा, जिसे क्लिक करने पर एक ऐसा पोर्टल खुलता था जो असली निवेश प्लेटफॉर्म जैसा दिखता था।

लिंक के ज़रिए ट्रैप में फंसाया

पीड़ित ने इस लिंक पर जाकर रजिस्ट्रेशन किया और जैसे-जैसे उसे रिटर्न का लालच दिखाया गया, वह बार-बार अधिक राशि निवेश करता गया। इस क्रम में कुल मिलाकर ₹1.53 करोड़ की राशि विभिन्न बैंक खातों और डिजिटल माध्यमों से आरोपी के पास ट्रांसफर की गई। जब बाद में कोई भी रिटर्न नहीं आया और व्हाट्सएप नंबर बंद हो गया, तब जाकर पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ।

तकनीकी निगरानी से गिरफ्तारी

मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड CID की साइबर टीम ने इसे टेक्निकल ट्रैकिंग से जोड़ते हुए जांच शुरू की। मोबाइल लोकेशन, बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स, व्हाट्सएप नंबर और ईमेल अकाउंट्स की बारीकी से निगरानी की गई।
लगातार प्रयासों के बाद जांच टीम को ठोस सुराग मिला और उत्तर प्रदेश के हापुड़ से आरोपी मोहम्मद आसिफ को गिरफ्तार किया गया।

अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़ाव की आशंका

CID अधिकारियों के मुताबिक, मोहम्मद आसिफ अकेला नहीं है, बल्कि वह एक संगठित अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का हिस्सा है, जो झारखंड, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में सक्रिय है। इस गिरोह का मुख्य कार्य तरीका लोगों को ऑनलाइन निवेश, लॉटरी, गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी जैसी योजनाओं में उलझाकर ठगी करना है।

आरोपी के कब्जे से जब्त सामग्री

गिरफ्तारी के दौरान आरोपी के पास से कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई, जिसमें शामिल हैं:

  • 5 मोबाइल फोन
  • 11 सिम कार्ड
  • 3 फर्जी आधार कार्ड
  • 2 लैपटॉप
  • कई बैंकों के पासबुक और एटीएम कार्ड
  • फर्जी निवेश वेबसाइट्स की जानकारी

CID का बयान

इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने वाली झारखंड CID के एक अधिकारी ने प्रेस को बताया,

“साइबर अपराधी अब पारंपरिक ठगी से कहीं ज्यादा तकनीकी रूप से सक्षम हो चुके हैं। आम जनता को सावधान रहने की आवश्यकता है। किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक या निवेश के प्रस्तावों से पहले प्रामाणिकता की गहन जांच करनी चाहिए।”

सावधान रहें, सतर्क रहें

झारखंड CID ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या व्हाट्सएप से आने वाले निवेश संबंधी प्रस्तावों से सतर्क रहें। यदि किसी को भी इस प्रकार की ठगी या प्रयास का संदेह हो, तो तुरंत साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।


यह खबर एक ओर जहां झारखंड पुलिस की सायबर विंग की तत्परता को दर्शाती है, वहीं यह चेतावनी भी है कि साइबर ठग अब स्मार्टफोन और इंटरनेट के ज़रिए लोगों की मेहनत की कमाई को निशाना बना रहे हैं। आम नागरिकों को इस डिजिटल युग में सतर्कता और साइबर जागरूकता की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है।

1.53 करोड़ की ऑनलाइन ठगी करने वाला साइबर अपराधी चढ़ा पुलिस के हत्थे, झारखंड CID की बड़ी कार्रवाई 1.53 करोड़ की ऑनलाइन ठगी करने वाला साइबर अपराधी चढ़ा पुलिस के हत्थे, झारखंड CID की बड़ी कार्रवाई Reviewed by PSA Live News on 9:36:00 pm Rating: 5

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