रांची। 17 सितम्बर बुधवार को दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी )मंदिर में आश्विन मास कृष्णपक्ष की इन्दिरा एकादशी व्रत और कन्या राशि की सूर्य संक्रांति के शुभ अवसर पर प्रार्थी लोंगो के अभीष्ट पूर्ण करनेवाले लक्ष्मी रसिक श्रीश्रीनिवास का तिरूमंजनानुष्ठान हुआ । प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में 4:30 बजे विश्वरूप दर्शन (मंगला आरती) , सुप्रभातम् , मंगलाशासनम् करावलंबम और वेंकटेश स्तोत्रम् के बाद पांचरात्र आगम विधान से तिरूवाराधन किये गये । तदनंतर दूध,दधि,शहद, डाभयुक्त जल और गंगाजल से महाभिषेक हुआ ।सुगन्धित चंदन और हरिद्राचूर्ण का अनुलेपन करके सहस्त्रधारा, कुंभधारा, शंखधारा और चक्रधारा से वृष्टि पूर्वक क्रमानुसार महाभिषेक कराया गया । फिर सब प्रकार के अनुग्रह-निग्रह करनेवाले श्रियः पति श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर समेत सभी प्रतिष्ठापित विग्रहों का वस्त्र -आभूषणों से भव्य श्रृंगार निवेदन करके महाआरती हुयी ।
उसके बाद दयामृतासागर - कृपातरंग भगवान को फलाहारी व्यंजनों का बालभोग नैवेद्य हुआ तथा दिव्य मंगलध्वनियों से सुश्राव्य वेद ,उपनिषद और देशिक स्तोत्राणि के उत्कृष्ट ऋचाएँ एवं श्लोकों से स्तुति कीं गयी ।
आज महाभिषेक के यजमान : श्री रमेश धरनीधरका धर्मपत्नी श्रीमती शशि धरनीधरका राँची निवासी हुये ।
अर्चक : श्री सत्यनारायण गौतम,श्री गोपेश आचार्य और श्री नारायण दास जी ने मिलजुल कर दिनभर के अनुष्ठान को विधिवत् सुसंपन्न कराया ।
कार्यक्रम में मुख्यरूप से श्री राम अवतार नरसरिया अनूप अग्रवाल प्रदीप नरसरिया रंजन सिंह गौरी शंकर साबू सुशील गरोदिया अशोक धनानी जगनारायण प्रसाद अशोक मिश्रा भोला बरनवाल के अतिरिक्त सैकड़ो के संख्या में श्रद्धालु भक्त अपने-अपने कामनाओं और पितरों की तृप्ति के लिए भगवान श्रीवेंकटेश्वर का पुष्प अर्चना, लक्ष्मी अष्टोत्तर अर्चना और विष्णु सहस्त्रनाम की अर्चना करायी ।

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