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दिल्ली में 36 अवैध बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, मोबाइल में मिला प्रतिबंधित ऐप IMO, 17 बच्चे भी शामिल


राजधानी की सुरक्षा पर गंभीर सवाल, वजीरपुर JJ कॉलोनी में रह रहे थे छुपकर, निर्वासन की प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे 36 बांग्लादेशी नागरिकों को दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को वजीरपुर की जे.जे. कॉलोनी से पकड़ा गया, जहां वे पिछले कुछ समय से गुपचुप तरीके से रह रहे थे। हैरानी की बात यह है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में 17 नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं।

इस कार्रवाई से राजधानी में घुसपैठ, अवैध प्रवास और राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

गुप्त सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा को खुफिया इनपुट मिला था कि वजीरपुर JJ कॉलोनी में कुछ संदिग्ध विदेशी नागरिक छिपे हुए हैं, जो फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर किराए के मकानों में रह रहे हैं। इन सूचनाओं के आधार पर एक विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया, जिसके अंतर्गत 36 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में:

  • 19 वयस्क पुरुष और महिलाएं
  • 17 नाबालिग बच्चे

प्रतिबंधित IMO ऐप से संपर्क, बांग्लादेश से जुड़ाव की पुष्टि

जांच के दौरान इन लोगों के मोबाइल फोन की जब्त कर जांच की गई, जिसमें ‘IMO’ नामक ऐप पाया गया। यह ऐप भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित किया जा चुका है, लेकिन ये नागरिक अपने बांग्लादेश स्थित रिश्तेदारों से संवाद करने के लिए इसी ऐप का उपयोग कर रहे थे।

IMO ऐप का उपयोग एन्क्रिप्टेड कॉल्स और मैसेज के लिए होता है, जिससे इसकी गतिविधियों की निगरानी कठिन हो जाती है। यह तथ्य खुफिया एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि इसमें राष्ट्रविरोधी तत्वों से संभावित संपर्क की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

फर्जी दस्तावेजों के सहारे किराए पर मकान

पूछताछ में खुलासा हुआ कि इन लोगों ने फर्जी आधार कार्ड, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनवा रखे थे, जिसके जरिए वे न केवल दिल्ली में रह रहे थे, बल्कि स्थानीय सरकारी योजनाओं का भी गलत लाभ उठा रहे थे। कुछ ने पास के क्षेत्रों में छोटे-मोटे काम या फेरी का व्यवसाय भी शुरू कर दिया था।

निर्वासन की प्रक्रिया शुरू, गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपने की तैयारी

दिल्ली पुलिस ने सभी गिरफ्तार नागरिकों के खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम (Foreigners Act), 1946 और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इन सभी के खिलाफ डिपोर्टेशन (निर्वासन) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया:

"हम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इन लोगों को भारत में लाने वाला नेटवर्क कहां से ऑपरेट कर रहा है। यह घुसपैठ केवल मानवीय नहीं, बल्कि सुरक्षा दृष्टि से भी अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है।"

राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल: कैसे हो रही है बांग्लादेशी घुसपैठ?

यह मामला केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है। पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। विशेषज्ञों के अनुसार, अवैध घुसपैठ एक सुनियोजित जनसांख्यिकीय असंतुलन और राष्ट्रीय सुरक्षा संकट को जन्म दे सकती है।

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले समय में अन्य मेट्रो शहरों में भी व्यापक वेरिफिकेशन अभियान चलाए जाएंगे ताकि अवैध प्रवासियों की पहचान की जा सके।

स्थानीय लोगों में चिंता, प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

वजीरपुर JJ कॉलोनी के स्थानीय निवासियों में इस घटना को लेकर चिंता व्याप्त है। एक स्थानीय निवासी ने कहा:

"हमें नहीं पता था कि हमारे बगल में रहने वाले लोग विदेशी हैं। हम बच्चों को स्कूल जाते और बड़ों को काम पर जाते देखते थे। अब डर लग रहा है कि हमारी बस्ती कहीं आतंकियों का ठिकाना न बन जाए।"

देश की राजधानी में इस तरह की अवैध घुसपैठ न केवल कानून व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक स्थिरता पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। आवश्यक है कि राज्य सरकारें, केंद्र और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर एक सुनियोजित रणनीति के तहत इन प्रवृत्तियों पर कठोर कार्रवाई करें, ताकि हिंदुस्तान की आंतरिक सीमाएं सुरक्षित बनी रहें।

दिल्ली में 36 अवैध बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, मोबाइल में मिला प्रतिबंधित ऐप IMO, 17 बच्चे भी शामिल दिल्ली में 36 अवैध बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, मोबाइल में मिला प्रतिबंधित ऐप IMO, 17 बच्चे भी शामिल Reviewed by PSA Live News on 9:44:00 am Rating: 5

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