रील के चक्कर में गई जान: गुना के स्नेक कैचर दीपक महावत की कोबरा के डसने से मौत, रेस्क्यू किए गए सांप से ही खेल रहा था
गुना, मध्य प्रदेश। सोशल मीडिया पर रील बनाने की सनक और लापरवाही ने एक ज़िंदग़ी लील ली। मध्य प्रदेश के गुना ज़िले के राघौगढ़ क्षेत्र में एक पेशेवर स्नेक कैचर, दीपक महावत की मौत उस कोबरा सांप के काटने से हो गई जिसे उसने खुद ही कुछ देर पहले रेस्क्यू किया था। ज़हरीले सांपों से खेलने का खतरा और दिखावे की चाहत ने इस बार एक जान ले ली, और यह घटना एक दर्दनाक सीख बन गई।
क्या हुआ था उस दिन?
दीपक महावत, जो पेशे से एक स्नेक कैचर था और अक्सर लोगों की कॉल पर पहुंचकर ज़हरीले सांपों को पकड़कर उन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ने का काम करता था, उस दिन भी राघौगढ़ कस्बे के पास एक कॉल पर पहुंचा था। सूचना मिली थी कि एक घर में काला कोबरा घुस गया है। दीपक मौके पर पहुंचा और सावधानी से सांप को पकड़ भी लिया।
लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह न केवल असावधानी थी बल्कि आत्मघाती साबित हुआ। रेस्क्यू किए गए कोबरा को जंगल में छोड़ने के बजाय दीपक ने उसे गले में डाल लिया और बाइक पर घूमते हुए वीडियो बनाने लगा। वह सांप को कभी गले में लपेटता, कभी उसे किस करता और कैमरे के सामने अलग-अलग पोज़ देता।
कोबरा ने अचानक किया हमला
इसी दौरान अचानक कोबरा ने दीपक की गर्दन के पास काट लिया। बताया जा रहा है कि दीपक को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन ज़हरीले कोबरा के डसने से कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक, ज़हर बेहद तेज़ी से शरीर में फैल चुका था और समय पर एंटी-वेनम न मिल पाने से उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
रेस्क्यू मिशन या रील मिशन?
स्थानीय लोगों के मुताबिक, दीपक को अक्सर खतरनाक सांपों के साथ वीडियो बनाते और सोशल मीडिया पर शेयर करते देखा जाता था। उसकी रील्स पर हजारों व्यूज़ आते थे और वह इसे अपनी पहचान मानता था। लेकिन इस बार उसकी यह रीलबाज़ी उसकी जान की कीमत पर भारी पड़ी।
जंगल विभाग और वन विभाग के अधिकारियों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और स्पष्ट किया है कि रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद ज़हरीले सांपों से दूरी बनाए रखना अनिवार्य होता है। अधिकारी मानते हैं कि यह घटना उन लोगों के लिए चेतावनी है जो सोशल मीडिया के लाइक और फॉलोअर्स के लिए अपनी जान को जोखिम में डालते हैं।
स्थानीय लोगों में शोक की लहर
दीपक महावत को राघौगढ़ क्षेत्र में 'सांपों के दोस्त' के नाम से जाना जाता था। वह अब तक सैकड़ों सांपों को सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ चुका था। उसके आकस्मिक निधन से क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है। कई लोग उसकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए और सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए इस घटना से सबक लेने की बात कही।
क्या कहता है कानून और विशेषज्ञ?
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत किसी भी संरक्षित प्रजाति (जैसे कोबरा) के साथ इस प्रकार का व्यवहार—खासकर सार्वजनिक प्रदर्शन, रील निर्माण, या मनोरंजन के लिए उपयोग—गैरकानूनी है। वन विभाग जल्द ही मामले की विस्तृत जांच करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी सांप—even if rescued—के साथ बिना सुरक्षा सावधानी के संपर्क में आना आत्मघाती हो सकता है। सांपों की प्रकृति अनिश्चित होती है और विशेष रूप से कोबरा जैसे विषैले सांप पल में हमला कर सकते हैं।
सबक: रोमांच और रील से ऊपर होती है जान
दीपक महावत की मौत एक कड़वा सबक है—कि सोशल मीडिया की दुनिया में दिखावे की चाहत, रील बनाने की सनक और लापरवाही किस हद तक जानलेवा हो सकती है। रेस्क्यू का मतलब जान बचाना होता है, न कि ज़हर से खेलकर सुर्खियों में आना।
वन विभाग और प्रशासन अब लोगों से अपील कर रहे हैं कि यदि आप वन्यजीवों से जुड़े हैं तो उनकी प्रकृति और खतरों को समझें। और सबसे बड़ी बात—किसी भी 'व्यू' की कीमत आपकी जान से ज़्यादा नहीं हो सकती।
रिपोर्ट: PSA Live News टीम | गुना ब्यूरो
संपादन: अशोक कुमार झा, संपादक
सम्बंधित विभागों से आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतज़ार जारी है।

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