अरगोड़ा निजी अस्पताल में नवजात की संदिग्ध मौत: परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप, उपायुक्त ने दी जांच के आदेश
राँची। राजधानी राँची के अरगोड़ा स्थित एक निजी अस्पताल में नवजात शिशु की मृत्यु के बाद भी उसे वेंटिलेटर पर रखने के आरोप ने हड़कंप मचा दिया है। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। मामला मीडिया में आने के बाद जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है।
जांच समिति का गठन
उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री ने इस प्रकरण की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। उनके निर्देश पर एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है। समिति में कार्यपालक दंडाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम शामिल है।
कड़े निर्देश और संभावित कार्रवाई
उपायुक्त ने स्पष्ट किया है कि जांच में यदि अस्पताल प्रबंधन या किसी भी संबंधित व्यक्ति की लापरवाही या दोष साबित होता है, तो उनके खिलाफ नियमसंगत कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने कहा कि नवजात की मृत्यु जैसे गंभीर मामलों में किसी भी तरह की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
परिजनों के आरोप और आक्रोश
परिजनों का कहना है कि शिशु की मृत्यु होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने उसे वेंटिलेटर पर रखा, जिससे न केवल भावनात्मक पीड़ा हुई बल्कि आर्थिक रूप से भी भारी दबाव पड़ा। परिजनों ने आरोप लगाया कि यह कदम केवल अतिरिक्त शुल्क वसूलने के उद्देश्य से उठाया गया। घटना के बाद स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है और सोशल मीडिया पर भी अस्पताल प्रबंधन की आलोचना हो रही है।
समाज और स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
यह मामला निजी अस्पतालों की कार्यशैली और स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों से न केवल आमजन का भरोसा डगमगाता है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की साख भी दांव पर लगती है।
प्रशासन की सतर्कता
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाएगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

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