8वाँ राष्ट्रीय पोषण माह का राज्यस्तरीय शुभारंभ, श्री अजय कुमार, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग ने किया उद्घाटन
रांची। राज्यभर में 8वें राष्ट्रीय पोषण माह का राज्यस्तरीय शुभारंभ गुरुवार को हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड की पारंपरिक व्यंजनों में भरपूर पोषण छिपा है और इसे ग्लोबल पहचान दिलाने के लिए व्यंजनों की विधियों को सोशल मीडिया पर साझा करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा – “झारखंड के ग्रामीण अंचलों में 100 से भी अधिक पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं। इन व्यंजनों को लोकप्रिय बनाने में ग्रामीण महिलाओं की अहम भूमिका है। यदि इन व्यंजनों की विधियों को सोशल मीडिया पर डाला जाए तो इसका वैश्विक प्रभाव होगा और लोग न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे भारत व विदेशों में भी इन्हें अपनाएँगे।”
“स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान से जुड़ा पोषण माह
श्री अजय कुमार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान का शुभारंभ कल किया गया है, जो 2 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहियाओं पर है। उन्हें अधिक से अधिक महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्रों तक लाना होगा, ताकि उनकी जांच हो सके और आवश्यकता अनुसार मुफ्त दवाइयाँ उपलब्ध कराई जा सकें।
शिशु व मातृत्व मृत्यु दर में राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंड में डॉक्टरों की कमी के बावजूद राज्य ने शिशु मृत्यु दर और मातृत्व मृत्यु दर के मामले में राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है। हालांकि संस्थागत प्रसव के मामले में राज्य अभी पीछे है, जिस पर और सुधार की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि पोषण माह के दौरान राज्यभर में प्रतिदिन 4000 शिविरों का आयोजन होगा। इन शिविरों में लोगों को यह जानकारी दी जाएगी कि किन खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना है और किस प्रकार पौष्टिक भोजन को थाली का हिस्सा बनाना है।
उन्होंने आहार में चीनी, मैदा और तेल की मात्रा कम करने और थाली में रंग-बिरंगी सब्जियों और मौसमी फलों को शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने आहार में पौष्टिक भोजन को शामिल करने की आदत डालनी होगी, क्योंकि “यदि महिलाएँ स्वस्थ रहेंगी तो बच्चे और परिवार भी स्वस्थ रहेंगे।”
बिना ‘स्वस्थ महिला’ के स्वस्थ झारखंड की कल्पना नहीं – सचिव समाज कल्याण विभाग
कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री मनोज कुमार ने कहा कि झारखंड को विकसित बनाने के लिए महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर होना आवश्यक है। उन्होंने कहा – “आधी आबादी यदि स्वस्थ होगी तभी स्वस्थ भारत और स्वस्थ झारखंड की परिकल्पना साकार हो सकती है।”
उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती वर्षों में राष्ट्रीय पोषण माह अभियान के दौरान झारखंड का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है और इस बार भी बेहतर परिणाम की उम्मीद है।
इस वर्ष छह थीम पर होगा विशेष फोकस
श्री मनोज कुमार ने बताया कि इस वर्ष पोषण माह के दौरान छह बेसिक थीम पर काम किया जाएगा:
- संपूर्ण आहार को बढ़ावा देना।
- स्थानीय भोजन (लोकल फूड) को थाली में शामिल करना।
- हरी-भरी थाली पर जोर, जिसमें हरी सब्जियों की प्रमुखता हो।
- पोषण ट्रैकर को नियमित अपडेट करना।
- होम विजिट के दौरान महिलाओं के साथ पुरुषों को भी पोषण के महत्व की जानकारी देना।
- प्राथमिक स्वास्थ्य जांच को प्राथमिकता देना।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाएँ और सहायिकाएँ अपने क्षेत्र की महिलाओं को निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों में ले जाकर उनकी जांच कराएँ। यदि ज़रूरत हो तो उन्हें जिला अस्पताल तक रेफर करें।
सहायिकाओं को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान खूंटी और रामगढ़ की दो सहायिकाओं को 21,000 रुपये और 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया। उन्हें यह सम्मान स्थानीय व्यंजन प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु दिया गया।
इसके साथ ही शक्कर और तेल की खपत कम करने का संदेश, पोषण की पाँच सूत्रीय योजना और पहले हजार दिन पर केंद्रित पोस्टर का विमोचन भी किया गया।
आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहियाओं की अहम भूमिका
दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य की आंगनबाड़ी सेविकाएँ और सहियाएँ पोषण माह की सफलता की रीढ़ हैं। उनकी घर-घर तक पहुँच है और वे ही ग्रामीण महिलाओं और परिवारों को जागरूक बना सकती हैं।

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