मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने किया जेसोवा दिवाली मेला-2025 का भव्य उद्घाटन मोरहाबादी मैदान में उमड़ा उत्सव और समाजसेवा का संगम
★ जेसोवा शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजसेवा के क्षेत्र में बन रही मिसाल
★ “समाज सेवा ही जेसोवा की पहचान” — मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन
रांची । दीपावली के उल्लास और सामाजिक सरोकारों की अनूठी मिसाल पेश करते हुए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज मोरहाबादी मैदान, रांची में झारखंड आईएएस ऑफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन (जेसोवा) द्वारा आयोजित 5 दिवसीय जेसोवा दिवाली मेला-2025 का विधिवत् उद्घाटन किया। यह मेला 9 से 13 अक्टूबर तक आयोजित होगा, जिसमें राज्यभर से आए हस्तशिल्पकार, महिला उद्यमी और सामाजिक संस्थाएं अपनी प्रतिभा और उत्पादों का प्रदर्शन करेंगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। राज्य के मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, विभिन्न विभागों के सचिवगण, वरीय अधिकारी एवं जेसोवा की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति कुमार, उपाध्यक्ष श्रीमती अनीता सिन्हा, सचिव श्रीमती मनु झा समेत बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और आम लोग उपस्थित थे।
जेसोवा: समाज सेवा के प्रति समर्पण की मिसाल
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि जेसोवा झारखंड में समाज सेवा और मानवीय सरोकारों की एक मजबूत पहचान बन चुकी है। उन्होंने कहा —
“जेसोवा अपने शुरुआती दौर से ही जनहित कार्यों में निरंतर सक्रिय रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य और जरूरतमंदों की सहायता के क्षेत्र में संस्था का योगदान अत्यंत सराहनीय है। समाज सेवा ही जेसोवा की पहचान है, और इसी समर्पण ने इसे आज रजत जयंती के मुकाम तक पहुंचाया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मेले से प्राप्त आय का उपयोग गरीबों और वंचितों के कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य सामाजिक उत्थान कार्यों में किया जाएगा। उन्होंने इसे ‘उत्सव के साथ सामाजिक योगदान का अद्भुत उदाहरण’ बताया।
रजत जयंती वर्ष में विशेष कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेसोवा के लिए यह वर्ष विशेष महत्व का है, क्योंकि संस्था अपने रजत जयंती वर्ष का उत्सव मना रही है। इस मौके पर संस्था द्वारा ‘सामाजिक योगदान सम्मान’ के तहत राज्य के विभिन्न जिलों से आए उन लोगों को सम्मानित किया गया जिन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक सेवा में उत्कृष्ट कार्य किया है।
मेले के पहले दिन जेसोवा पुस्तकालय का उद्घाटन भी किया गया, जिसका उद्देश्य समाज के वंचित वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क पुस्तकें और अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे प्रयास आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य की नींव रखते हैं।
मुख्यमंत्री ने दिया प्रेरक संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा —
“मुख्य रूप से यह संस्थान झारखंड के आईएएस अधिकारियों की अर्धांगिनियों द्वारा संचालित है, जो अपने व्यस्त जीवन से समय निकालकर समाज के लिए कुछ करने का संकल्प निभा रही हैं। यह न केवल प्रेरणादायक है बल्कि पूरे राज्य के लिए अनुकरणीय उदाहरण भी है।”
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार भी शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण को लेकर लगातार प्रयासरत है, और जेसोवा जैसी संस्थाओं के सहयोग से यह पहल और सशक्त बनेगी।
कल्पना सोरेन ने दी शुभकामनाएं
विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन ने अपने संदेश में कहा कि दीपावली का यह पर्व केवल खुशियों का नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग तक रोशनी पहुंचाने का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जेसोवा का यह मेला न केवल संस्कृति और परंपरा का संगम है, बल्कि महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम भी है।
अतिथियों ने किया मेले का परिभ्रमण
उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन तथा मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार सहित सभी अतिथियों ने विभिन्न स्टॉलों का परिभ्रमण किया। उन्होंने ग्रामीण महिला समूहों, स्वयं सहायता समूहों, हस्तशिल्प एवं खाद्य उत्पादों के स्टॉलों की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजन स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को प्रोत्साहन देने में मदद करते हैं।
पांच दिवसीय मेला: संस्कृति, हस्तशिल्प और उत्सव का संगम
जेसोवा दिवाली मेला-2025 में रांची सहित झारखंड के विभिन्न जिलों से आए कलाकार, महिला उद्यमी और स्वयं सहायता समूह भाग ले रहे हैं। मेले में 150 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें झारखंडी हस्तशिल्प, पारंपरिक आभूषण, मिट्टी के दीये, हर्बल उत्पाद, कपड़े और घरेलू सजावट की वस्तुएं उपलब्ध हैं।
सांस्कृतिक मंच पर प्रतिदिन लोकनृत्य, संगीत, फैशन शो और बच्चों के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। मेले में ‘सेहत और शिक्षा जागरूकता केंद्र’ भी बनाया गया है, जहां नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श की सुविधा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री का आह्वान
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे बड़ी संख्या में जेसोवा मेला में आएं और यहां प्रदर्शित स्थानीय उत्पादों की खरीदारी कर झारखंडी हस्तशिल्पकारों को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा —
“दीपावली का अर्थ केवल घरों की रोशनी नहीं, बल्कि उन चेहरों पर मुस्कान लाना है जो हमारे सहयोग से संबल पाते हैं। जेसोवा इस भावना को बखूबी निभा रहा है।”
जेसोवा दिवाली मेला-2025 रांची शहर में न केवल उत्सव का वातावरण लेकर आया है, बल्कि समाज सेवा की नई मिसाल भी कायम की है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के शब्दों में —
“यह मेला केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि संवेदना और समर्पण की अभिव्यक्ति है। जेसोवा की यह परंपरा आने वाले वर्षों तक समाज के हर वर्ग में रोशनी फैलाती रहेगी।”

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