झारखंड में दिसंबर तक होंगे 48 नगर निकाय चुनाव, 'ट्रिपल टेस्ट' रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद अंतिम तैयारी चरण में
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OBC आरक्षण के लिए आवश्यक 'ट्रिपल टेस्ट' रिपोर्ट तैयार
राज्य में नगर निकाय चुनाव से पहले पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने हेतु 'ट्रिपल टेस्ट' प्रक्रिया अनिवार्य थी। इस प्रक्रिया के तहत संत जेवियर कॉलेज, रांची द्वारा व्यापक सर्वे कर फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।
यह रिपोर्ट अब राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को सौंप दी गई है। आयोग की ओर से समीक्षा के बाद रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी, जिसके पश्चात मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिलने पर इसे राज्य चुनाव आयोग को सुपुर्द किया जाएगा।
इसके बाद ही आयोग नगर निकायों के चुनाव की अंतिम अधिसूचना जारी कर सकेगा। सूत्रों के अनुसार, यदि यह प्रक्रिया समय पर पूर्ण हो गई, तो दिसंबर 2025 तक राज्य में सभी नगर निकायों के चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं।
48 नगर निकायों में तैयारियाँ लगभग पूरी
राज्य चुनाव आयोग और संबंधित शहरी निकायों ने चुनावी तैयारियों को लेकर सर्वे, मतदाता सूची, वार्ड निर्धारण और आरक्षण से संबंधित कार्य लगभग पूर्ण कर लिया है।
आयोग के अधिकारियों के अनुसार, 2024 में तैयार की गई मतदाता सूची को इस चुनाव में आधार माना जाएगा। केवल वही पात्र मतदाता आगामी नगर निकाय चुनाव में मतदान कर सकेंगे।
प्रत्येक नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत में प्रशासनिक तैयारियों की नियमित समीक्षा की जा रही है।
प्रशासनिक और तकनीकी मोर्चे पर तेजी
राज्य भर में चुनाव संचालन को सुचारु बनाने के लिए प्रत्येक जिले में उप निर्वाचन पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिला निर्वाचन कार्यालयों में विभिन्न ‘चुनाव सेल’ बनाए गए हैं जो मतदाता सूची, प्रशिक्षण, लॉजिस्टिक्स और शिकायत निवारण से जुड़े कार्यों पर निगरानी रख रहे हैं।
वोटिंग सामग्री की आपूर्ति का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है, जबकि अन्य आवश्यक उपकरण, संसाधन और वाहनों का आकलन कर रिपोर्ट शहरी विकास विभाग को भेज दी गई है।
राज्य चुनाव आयोग ने मास्टर ट्रेनरों की नियुक्ति भी कर दी है, जो चुनावी प्रक्रिया में शामिल प्रशासनिक और तकनीकी कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे।
चुनावी माहौल बनने लगा गर्म
राजनीतिक दलों ने भी नगर निकाय चुनावों को लेकर अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। कई नगर परिषदों और नगर निगम क्षेत्रों में संभावित प्रत्याशी जनता के बीच सक्रिय हो गए हैं। स्थानीय मुद्दों—जैसे जलापूर्ति, कचरा प्रबंधन, सड़क निर्माण और शहरी विकास—को लेकर जनसंवाद और सभाओं का दौर शुरू हो गया है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह चुनाव राज्य की शहरी राजनीति की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है। 2018 के नगर निकाय चुनावों में जहाँ भाजपा ने कई प्रमुख नगर निगमों में सफलता पाई थी, वहीं अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राजद जैसे सत्तारूढ़ गठबंधन दल भी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में हैं।
आयोग की प्राथमिकता – पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव
राज्य चुनाव आयुक्त कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, आयोग की प्राथमिकता पारदर्शी, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। इसके लिए
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जांच और सत्यापन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
- प्रत्येक जिले में चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
- संवेदनशील और अतिसंवेदनशील वार्डों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की तैयारी की जा रही है।
राज्य पुलिस मुख्यालय के साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समन्वय बैठकें भी प्रारंभ हो चुकी हैं।
आगामी कदम
- मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद से ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट की स्वीकृति।
- राज्य चुनाव आयोग को रिपोर्ट का औपचारिक हस्तांतरण।
- आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम (तिथियों) की घोषणा।
- EVM और मतदान केंद्रों की तैयारी की अंतिम समीक्षा।
- प्रशिक्षण सत्रों और सुरक्षा व्यवस्था का क्रियान्वयन।
यदि सब कुछ तय समय पर हुआ, तो नवंबर के अंत तक अधिसूचना और दिसंबर 2025 में मतदान की संभावना सबसे प्रबल है।
संक्षेप में, झारखंड में नगर निकाय चुनाव अब अंतिम मोड़ पर हैं। ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट की मंजूरी मिलते ही राज्य में चुनावी गहमागहमी शुरू हो जाएगी। आयोग से लेकर प्रशासन तक, सभी स्तरों पर तैयारी जोरों पर है ताकि राज्य के शहरी निकायों में समयबद्ध और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराए जा सकें।

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