पथ संचलन में दिखा अनुशासन और एकता का अनूठा संगम
हरियाणा/ हिसार (राजेश सलूजा): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज विजयादशमी के पावन पर्व और अपने शताब्दी स्थापना वर्ष (100वां स्थापना दिवस) के शुभारंभ को एक साथ मनाया। इस अवसर पर, संघ रचना अनुसार महावीर उपनगर हांसी मे आयोजित भव्य पथ संचलन में सैंकड़ों स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जो संगठन की शक्ति, अनुशासन और राष्ट्रव्यापी विस्तार का प्रतीक बना। उत्सव मे मुख्य अतिथि के रूप मे राघवेंद्र शास्त्री , कथावाचक और मुख्यवक्ता के रूप मे चरणजीत, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य कार्यक्रम में उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि राघवेंद्र शास्त्री कथावाचक ने उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि संघ ने बीते सौ वर्षों में राष्ट्र को एकजुट करने और समाज को संगठित करने के साथ-साथ शिक्षा, सेवा और संस्कारों के माध्यम से भी राष्ट्र निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई है। संघ की सौ वर्षों की यह यात्रा हमें सिखाती है कि समर्पण और अनुशासन से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। संघ की यह यात्रा केवल संगठन की नहीं, बल्कि संस्कृति और सभ्यता की रक्षा की यात्रा भी है। यही कारण है कि यह शताब्दी वर्ष आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। समारोह के मुख्य वक्ता चरणजीत , प्रांत कार्यकारिणी सदस्य ने अपने उद्बोधन में संघ के 100 वर्षों के सेवा और समर्पण के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह शताब्दी वर्ष केवल संघ का नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज का उत्सव है, और सभी को राष्ट्रहित के कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए।
यह विशाल पथ संचलन घोष (बैंड) के साथ खांडेवाला सभागार हिसार चुंगी से शुरू हुआ और बरवाला रोड से होते हुए तिर्कोना पार्क से उमरा गेट से श्री बजरंग आश्रम होते हुए खांडेवाला सभागार हिसार चुंगी पर समाप्त हुआ। नगरवासियों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर संचलन का स्वागत किया। शस्त्र पूजन: विजयादशमी के पारंपरिक महत्व के अनुसार, मुख्य कार्यक्रम स्थल पर शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया। यह पूजन भारतीय संस्कृति और आत्मरक्षा के प्रति संघ की निष्ठा को व्यक्त करता है। इस आयोजन के माध्यम से संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की प्रभावी शुरुआत की, जिसका उद्देश्य समाज में समरसता, सेवा और राष्ट्रीय भावना को और सुदृढ़ करना है। शताब्दी वर्ष का संकल्प: संघ के शताब्दी वर्ष में प्रवेश के अवसर पर, स्वयंसेवकों ने सामूहिक रूप से राष्ट्र निर्माण, सामाजिक सद्भाव और देश को विश्व गुरु बनाने के लिए समर्पित रहने का संकल्प लिया। इस वर्ष संघ के कार्यक्रमों का विशेष जोर पंच परिवर्तन सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, स्व का बोध और नागरिक कर्तव्य पर रहेगा। यह भव्य आयोजन संगठन के लक्ष्यों के प्रति स्वयंसेवकों के गहरे समर्पण और समाज के साथ उसके मज़बूत जुड़ाव को दर्शाता है। इससे अगला कार्यक्रम सम्राट प्रथ्वीराज राज चौहान उपनगर हांसी का 5 अक्तूबर 2025 को सनातन धर्म महिला महाविद्यालय हांसी मे होगा। इस कार्यक्रम में संत विजेंद्र दास मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेंगे।
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8:39:00 pm
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