औचक निरीक्षण से मचा हड़कंप — डॉ. इरफान अंसारी ने दी सख्त चेतावनी: ‘स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ अब नहीं चलेगा!
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा: जो भी दोषी पाया जाएगा, उसका लाइसेंस रद्द और दुकान सील
रांची से विशेष रिपोर्ट।
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने शुक्रवार को रांची में जय हिंद फार्मा मेडिकल दुकान का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने दुकान में उपलब्ध विभिन्न कंपनियों के कफ सिरप के नमूने (Samples) खुद अपने हाथों से सील कर राज्य ड्रग्स निदेशालय को जांच के लिए सुपुर्द किया।
मंत्री ने मौके पर ही निर्देश दिया कि इन सभी नमूनों की गुणवत्ता, रासायनिक संरचना और मानक अनुरूपता की जांच शीघ्रतम अवधि में की जाए तथा 24 घंटे के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट और 72 घंटे के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
पूरे राज्य में विशेष अभियान शुरू
डॉ. अंसारी ने निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि —
“झारखंड के नागरिकों के स्वास्थ्य से किसी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। नकली, घटिया या मानक से बाहर दवाएं बेचने वालों पर अब शिकंजा कसना शुरू हो चुका है।”
उन्होंने यह भी बताया कि आज से पूरे राज्य में ‘फर्जी दवा विरोधी विशेष अभियान’ की शुरुआत की जा रही है। इस अभियान के तहत राज्यभर के सभी मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं, डिस्ट्रीब्यूटर डिपो और गोदामों का औचक निरीक्षण किया जाएगा।
इसके लिए सभी जिलों में विशेष जांच टीमें गठित की गई हैं, जिनमें ड्रग इंस्पेक्टर, फार्मास्युटिकल विशेषज्ञ और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहेंगे। ये टीमें कफ सिरप, एंटीबायोटिक, पेन रिलीवर, और अन्य संवेदनशील दवाओं के नमूने लेकर प्रयोगशालाओं में परीक्षण कराएंगी।
मंत्री का सख्त संदेश — “दोषी नहीं बख्शे जाएंगे”
स्वास्थ्य मंत्री ने साफ कहा कि जो भी व्यक्ति या संस्था फर्जी या घटिया दवाओं की बिक्री या आपूर्ति में लिप्त पाई जाएगी, उसकी दुकान तत्काल सील की जाएगी, लाइसेंस रद्द किया जाएगा, और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. अंसारी ने कहा —
“स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर नहीं होने दूंगा। पूरे राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए दिन-रात काम कर रहा हूं। जो भी इस मिशन में बाधा डालने की कोशिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
“जनता भी बने जागरूक प्रहरी” — मंत्री की अपील
मंत्री ने आम जनता से भी अपील की कि वे दवाएं खरीदते समय सतर्क रहें —
“किसी भी संदिग्ध दवा या मेडिकल स्टोर की जानकारी तुरंत स्थानीय ड्रग इंस्पेक्टर या स्वास्थ्य विभाग को दें। यह लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की है।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार जल्द ही एक ‘टोल फ्री हेल्थ मॉनिटरिंग हेल्पलाइन’ शुरू करेगी, जिस पर लोग फर्जी दवाओं, एक्सपायर्ड प्रोडक्ट या गलत बिलिंग की शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
राज्य ड्रग्स निदेशालय को मिले विशेष निर्देश
डॉ. अंसारी ने राज्य ड्रग्स निदेशक को निर्देश दिया है कि वे झारखंड में संचालित सभी दवा कंपनियों, वितरकों और खुदरा विक्रेताओं का डेटाबेस अपडेट करें, ताकि किसी भी अनियमितता या संदिग्ध लेनदेन पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
इसके अलावा, हर जिले में साप्ताहिक औचक निरीक्षण रिपोर्ट तैयार कर सीधे मंत्री कार्यालय को भेजने का आदेश भी दिया गया है।
"स्वास्थ्य मंत्रालय की नई प्राथमिकता: गुणवत्ता और जवाबदेही"
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं होगा। दवा उद्योग से जुड़ी हर कंपनी को अपने उत्पादों की गुणवत्ता प्रमाणन रिपोर्ट (Quality Certification) समय-समय पर उपलब्ध करानी होगी।
उन्होंने कहा —
“हमारा लक्ष्य है कि झारखंड में हर मरीज को वही दवा मिले जो सुरक्षित, प्रभावी और मानक के अनुरूप हो। स्वास्थ्य से जुड़ा हर व्यक्ति अब जिम्मेदारी से काम करे, वरना कठोर दंड का सामना करने को तैयार रहे।”
संवेदनशीलता और सतर्कता का नया अध्याय
इस औचक निरीक्षण के बाद पूरे राज्य में मेडिकल सेक्टर में सतर्कता बढ़ गई है। कई जिलों से यह सूचना मिली है कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें स्थानीय मेडिकल दुकानों का अचानक निरीक्षण कर रही हैं।
झारखंड सरकार के इस कदम से आम जनता में संतोष और विश्वास की भावना है कि अब स्वास्थ्य व्यवस्था पर सरकार की पकड़ और मजबूत हो रही है।
डॉ. इरफान अंसारी का यह औचक निरीक्षण केवल एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि यह झारखंड की स्वास्थ्य नीति में पारदर्शिता और जवाबदेही की नई शुरुआत है।
फर्जी दवाओं पर सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अब ज़मीनी स्तर पर दिखाई देने लगी है — और इसका सीधा संदेश है कि “स्वास्थ्य के साथ कोई खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
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