भाजपा शासन में प्रतियोगी परीक्षाओं का हुआ था बंटाधार, हेमंत सरकार ने बहाल की पारदर्शिता : विनोद पांडेय
मिशन वात्सल्य पर भाजपा की बयानबाज़ी राजनीतिक नौटंकी : झामुमो महासचिव का पलटवार
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के हालिया बयानों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि झारखंड के युवाओं के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात भाजपा शासनकाल में हुआ, जब 17–18 वर्षों तक राज्य की सत्ता संभालने के बावजूद एक भी नियमित भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार युवाओं के भविष्य के प्रति प्रतिबद्ध है और परीक्षाओं की पारदर्शिता व तकनीकी शुचिता सुनिश्चित करने के लिए हर कठिन निर्णय लेने को तैयार है।
“भाजपा ने प्रतियोगी परीक्षाओं का बेड़ा गर्क किया”
विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा शासन में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) और लोक सेवा आयोग (JPSC) की साख पूरी तरह गिर गई थी।
“रघुवर सरकार के कार्यकाल में JSSC परीक्षा में पेपर लीक के कई मामले सामने आए, लेकिन उनकी जांच दबा दी गई,” पांडेय ने कहा।
उन्होंने याद दिलाया कि बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री रहते जेपीएससी की जो दुर्दशा हुई, उसे राज्य के युवा आज भी नहीं भूले हैं।
पांडेय ने कहा —
“भाजपा नेताओं को यह समझना चाहिए कि पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कभी-कभी कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं। सरकार का उद्देश्य किसी की राजनीति शांत करना नहीं, बल्कि युवाओं का भविष्य सुरक्षित करना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि हेमंत सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए कई प्रौद्योगिकीय सुधार (technological reforms) किए हैं, ताकि किसी भी उम्मीदवार के साथ अन्याय न हो।
“मरांडी युवाओं के नाम पर कर रहे सस्ती राजनीति”
विनोद पांडेय ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता युवाओं के नाम पर राजनीतिक स्वार्थ साधने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में न तो कोई स्थायी नियुक्ति निकली और न ही रोजगार सृजन के ठोस प्रयास किए गए।
“मरांडी जी को झूठ की राजनीति छोड़नी चाहिए और यह बताना चाहिए कि उन्होंने सरकार में रहते युवाओं के लिए कौन-सी योजना चलाई थी?” पांडेय ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि हेमंत सरकार युवाओं को न केवल पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया दे रही है, बल्कि रोजगार सृजन, कौशल विकास और स्वरोजगार के क्षेत्र में भी ठोस कदम उठा रही है।
“हेमंत सरकार युवाओं के हित में जवाबदेह और संवेदनशील”
विनोद पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार युवाओं के प्रति पूरी तरह जिम्मेदार और संवेदनशील है।
“हमारी प्राथमिकता किसी भी परीक्षा को पूर्ण शुचिता के साथ कराना है। जो निर्णय लिए जा रहे हैं, वे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए हैं, न कि किसी दल के दबाव में।”
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने JSSC और JPSC जैसी संस्थाओं को सशक्त करने, पारदर्शी परीक्षा प्रणाली लागू करने और लंबित नियुक्तियों को समयबद्ध रूप से पूरा करने के लिए गंभीर पहल की है।
मिशन वात्सल्य पर भाजपा की बयानबाज़ी “राजनीतिक नौटंकी”
विनोद पांडेय ने भाजपा द्वारा मिशन वात्सल्य योजना को लेकर लगाए गए आरोपों को राजनीतिक नौटंकी करार दिया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वयं इस योजना के फंड वितरण में तकनीकी अड़चनें डाली हैं और अब राज्य सरकार पर आरोप लगाकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।
“केंद्र सरकार जानबूझकर लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई लोकप्रिय हेमंत सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। यह राजनीतिक प्रतिशोध की मानसिकता का प्रमाण है,” पांडेय ने कहा।
“केंद्र की सौतेली नीति का जवाब जनता ने दिया”
विनोद पांडेय ने कहा कि केंद्र-प्रायोजित योजनाओं में केंद्र और राज्य दोनों को अपने हिस्से का योगदान देना होता है, लेकिन केंद्र ने जानबूझकर फंड जारी नहीं किया।
उन्होंने कहा —
“केंद्र के इस सौतेले व्यवहार का जवाब जनता ने पहले ही दे दिया है। लगातार दूसरी बार हेमंत सोरेन को प्रचंड बहुमत देना यही दिखाता है कि जनता झारखंड सरकार के साथ है।”
उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार ने कई बार मिशन वात्सल्य के लिए केंद्र से धन की मांग की, परंतु अब तक राशि जारी नहीं की गई है। इसके बावजूद राज्य सरकार अपने संसाधनों से हर बाल गृह (Child Home), CWC और JJB के संचालन को मज़बूत बना रही है।
“भाजपा को बच्चों के भविष्य की बात करने का नैतिक अधिकार नहीं”
विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा का बाल अधिकारों पर बोलना पाखंड है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासनकाल में बाल श्रम, मानव तस्करी और पलायन की घटनाएँ बढ़ीं।
“जो सरकार झारखंड के गरीब परिवारों को पलायन की ओर धकेलती रही, उसे आज बच्चों के भविष्य की चिंता करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने बताया कि हेमंत सरकार महिला एवं बाल विकास विभाग को मज़बूत कर रही है और राज्य में “मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” जैसी योजनाएँ बाल अधिकारों और मातृ कल्याण की दिशा में मील का पत्थर बन रही हैं।
“हेमंत सरकार संवेदनशील, भाजपा केवल बयानबाज़ी में व्यस्त”
पांडेय ने कहा —
“भाजपा की राजनीति केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस और झूठे आंकड़ों तक सीमित है। हकीकत यह है कि झारखंड सरकार ने बच्चों और परिवारों की सुरक्षा के लिए ठोस नीति बनाई है। केंद्र की ओर से मदद नहीं मिलने के बावजूद राज्य सरकार हर बच्चे तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचा रही है।”
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार का फोकस बाल अधिकार, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय है, जबकि भाजपा केवल राजनीतिक साजिशों और मिथ्या प्रचार में व्यस्त है।
झामुमो महासचिव विनोद पांडेय के बयानों ने एक बार फिर राज्य की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। उन्होंने साफ कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार पारदर्शी शासन, युवाओं के अधिकार और बच्चों के भविष्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, जबकि भाजपा सिर्फ भ्रम और राजनीतिक नौटंकी की राजनीति में लिप्त है।
“युवाओं का भविष्य और बच्चों का अधिकार झारखंड की अस्मिता का हिस्सा हैं। इस पर राजनीति नहीं, जवाबदेही चाहिए — और यही हेमंत सरकार कर रही है।” — विनोद पांडेय, महासचिव, झामुमो।
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