ब्रह्माकुमारी संस्थान में दीपोत्सव समारोह सम्पन्न — “अंतर की दरिद्रता मिटाकर आत्मा का प्रकाश जगाना ही सच्ची दीपावली”
सतयुग के श्री लक्ष्मी-नारायण की चैतन्य झांकी ने मोहा मन, आध्यात्मिक सम्पन्नता का दिया संदेश
रांची। हरमू रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, चौधरीबगान केंद्र में शनिवार को भव्य दीपोत्सव समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सतयुग के श्री लक्ष्मी-नारायण की चैतन्य झांकी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुए नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक ने कहा कि —
“संपूर्ण सृष्टि की जलती हुई समस्याओं का मूल कारण आध्यात्मिक दरिद्रता है। जब मन दरिद्र होता है तो वह व्यक्ति, समाज और राष्ट्र — सभी के लिए बोझ बन जाता है।
दीपावली केवल बाहरी दीपों का पर्व नहीं, बल्कि भीतर की अंधकार को मिटाने और ज्ञान, गुण व शक्तियों के प्रकाश से आत्मा को सम्पन्न बनाने का संदेश देती है।”
ज्ञान-जागृति और आत्मशक्ति ही सच्ची स्वच्छता का आधार
झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी डॉ. शांति ने अपने संबोधन में कहा कि —
“जीवन में ज्ञान-जागृति न होने के कारण ही मनुष्य तनाव और असमंजस में जी रहा है।
मिथ्या समझ और अज्ञानता ही समाज में गलतियों की जड़ है।
ईश्वरीय ज्ञान का प्रकाश ही अंतर्मन में स्वच्छता और जीवन में पारदर्शिता लाएगा।”
इफको मानव संसाधन विभाग के प्रबंधक संजय कुमार सहाय ने कहा कि ईश्वरीय ज्ञान से जागृत आत्माएँ ही विश्व को प्रकाशमय बना सकती हैं।
उन्होंने कहा —
“जब आत्मा में ईश्वरीय प्रकाश जागृत होता है, तब अत्याचार, शोषण और भ्रष्टाचार जैसी काली प्रवृत्तियाँ स्वतः समाप्त हो जाती हैं, और शांति, प्रेम तथा भाईचारे की भावना संपूर्ण विश्व में फैल जाती है।”
“ज्ञान योग से ही दिव्य मानव का निर्माण”
जगन्नाथपुर मंदिर न्यास के उपाध्यक्ष अशोक नारसरिया ने कहा कि वर्तमान समय का मानव धन-दौलत की अंधी दौड़ में आत्मा के दिव्य तेज को नष्ट कर रहा है।
उन्होंने कहा —
“ज्ञान योग के बल पर जब मनुष्य अपने भीतर के देवत्व को पहचान लेगा, तब वह दिव्य मानव बनकर उच्च आध्यात्मिक स्थिति से वैभवशाली ‘देवई स्वराज्य’ की स्थापना करेगा।”
झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के संयुक्त महामंत्री संजय सर्राफ ने कहा कि —
“निर्विकारी बन सदा जागती ज्योति शिव से आत्मदीप जगा कर ही हम सच्ची दीपावली मना सकते हैं।”
ईश्वरीय ज्ञान से अंधकार मिटाने का आह्वान
सदानंद नस्कर (उप-महालेखाकार, D.A.G.) ने कहा कि —
“ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सम्पूर्ण पवित्रता का वह प्रकाश स्तम्भ है, जिसके आलोक से हर मानव अपने जीवन का अंधकार मिटा सकता है।”
अधिवक्ता कौशल राजगढ़िया ने कहा कि इस धरा को जगमगाने के लिए अब परम ज्योति निराकार परमात्मा का अवतरण हो चुका है, और सर्व अनिष्टों से मुक्ति केवल उनसे योग लगाकर ही संभव है।
स्वामी मुक्तस्थ, योग विशेषज्ञ ने कहा कि दीप प्रज्ज्वलन केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि यह ज्ञान-धन की कामना का प्रतीक है —
“जब हम दीप जलाते हैं, तब यह संकल्प लेते हैं कि अज्ञान का तमस जीवन से हटे और सत्य का प्रकाश फैले।”
मारवाड़ी युवा मंच समर्पण शाखा की अध्यक्ष पूजा अग्रवाल ने कहा कि —
“जो आत्माएँ अलौकिक प्रकाश से संपन्न होती हैं, वे कभी किसी के मन को पीड़ा नहीं देतीं। सच्ची दीपावली वही है जब हम किसी को दुख न पहुँचाएँ।”
“भारत फिर बनेगा जगद्गुरु” — रश्मि जायसवाल
रश्मि जायसवाल, ब्रांड इवेंट उपप्रबंधक ने कहा कि —
“भारत देश पुनः वही शिरोमणि और जगद्गुरु स्थान प्राप्त करेगा, क्योंकि ईश्वरीय अध्यात्म की दैदीप्यमान किरणें फिर से इसी धरती से विश्व को प्रकाशित करेंगी।”
संस्थान की स्थापना दिवस के रूप में दीपावली का विशेष महत्व
कार्यक्रम का संचालन करते हुए केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने दीपावली के दिन का आध्यात्मिक महत्व बताते हुए कहा कि —
“ब्रह्माकुमारी संस्थान की स्थापना सन् 1937 में दीपावली के ही दिन हुई थी।
पाँच हजार वर्ष पूर्व भी इसी दिन खुशियों के दीपक जलाए गए थे।
यह दिवस हमें स्मरण कराता है कि प्रकाश केवल बाहर नहीं, भीतर भी जलना चाहिए।”
अनेक शिक्षाविदों ने रखे विचार, हुआ राजयोग अभ्यास
कार्यक्रम में प्रो. प्रदीप गुप्ता (गोस्सनर कॉलेज),
डॉ. प्रो. रानी प्रगति (एस.एस. मेमोरियल कॉलेज),
तथा अनुराधा सर्राफ ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सभी अतिथियों एवं उपस्थित जनसमूह ने गाइडेड मेडिटेशन के माध्यम से राजयोग का सामूहिक अभ्यास किया और आत्मदीप को जागृत रखने का संकल्प लिया।
भारी जनसमूह की उपस्थिति और भविष्य का संकल्प
कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु, विद्यार्थी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।
सभी ने दीप प्रज्ज्वलित कर यह संकल्प लिया कि आने वाले समय में वे अपने भीतर की अंधकार को समाप्त कर आत्मा के प्रकाश को प्रज्वलित रखेंगे।
समारोह के अंत में बताया गया कि ब्रह्माकुमारी केंद्र में ज्ञान और ध्यान के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण प्रतिदिन प्रातः 7 से 10 बजे तथा सायं 5 से 6:30 बजे तक दिया जाता है।
Reviewed by PSA Live News
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7:07:00 pm
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