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उत्पन्ना एकादशी पर श्रीविष्णु सहस्त्रनाम का मंत्र गूँजता रहा


रांची। 
दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी) मंदिर में 15 नवम्बर शनिवार को सभी एकादशी तिथियों में प्रथम उत्पन्ना एकादशी तिथि व्रत के उपलक्ष्य पर शंख , चक्र ,अभय और वर धारण करनेवाले  सनातन परमात्मा का दिव्य मंगलोत्सव मना ।  प्रातः आगमोक्त विधान के अनुकूल  दैनिक पूजा -अर्चना , आराधना और नक्षत्र,कुंभ एवं कर्पूर से महाआरती संपादन करने के  पश्चात् वेदध्वनियों,उपनिषदादि मंत्रों तथा स्तोत्रमालाओं से महास्तुति की गयी । पूर्ण -पुराण पुरुषोत्तम भगवान् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर की महती कृपा से नौ सौ पाँचवें खिचड़ी भंडारा के बदले में ( एकादशी तिथि होने के कारण) फलाहारी पायस  भंडारा का आयोजन हुआ । जिसमें 1167 लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर तृप्त हुये और भगवान् की कृपा की अनुभूति की।  

आज पायस महाप्रसाद  :श्री सुशील गाड़ोदिया धर्मपत्नी श्रीमती सरिता गाड़ोदिया राँची निवासी जबकि दिनभर का भोग निवेदन किया श्री आशीष अग्रवाल धर्मपत्नी श्रीमती अश्विका अग्रवाल राँची निवासी ने । 

वर्ष के पहले एकादशी के उपलक्ष्य में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ हुई । सभी अपने-अपने मनोभिलाषित बड़ों की कामना से कोई विष्णु सहस्त्रनाम की अर्चना तो कोई  वेंकटेश अष्टोत्तर सत्तनाम की अर्चना और फिर  कुंकुम से लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली मंत्रों से अर्चना करायी । जय -जयकार की ध्वनि से मंदिर परिसर गुंजायमान हो रहा था । करतल ध्वनि के साथ श्रीनिवासा गोविंदा श्री वेंकटेशा गोविंदा का गान करते हुए ,सभी भक्त प्रदक्षिणा लगा रहे थे ।

अर्चक  : श्री गोपेश आचार्य और श्री नारायण दास जी ने आज के अनुष्ठान को विधिवत् संपन्न कराया ।  उपस्थित रहे सर्वश्री राम अवतार नरसरिया घनश्याम दास शर्मा प्रदीप नरसरिया राजेश सुलतानिया रंजन सिंह ओमप्रकाश गाड़ोदिया शम्भूनाथ पोद्दार सीता शर्मा छाया दुबे यशोदा देवी सुधा झा आदि हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने श्रीतिरुपति बालाजी के दरबार में माथा टेका ।

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