उत्पन्ना एकादशी व्रतोत्सव कल: दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर में विशेष पूजा, महाआरती और महाप्रसाद वितरण
विशेष पूजा-अर्चना एवं महाआरती
मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार आज प्रातःकाल भगवान श्रीवेंकटेश्वर का विशेष वंदन, नित्य-पूजा, वैदिक कर्म तथा दीपाराधना संपन्न होगी। इसके बाद महाआरती के दौरान भक्तगण भगवान के दिव्य दर्शन प्राप्त करेंगे।
विशेष प्रसंग के रूप में फलाहारी व्यंजनों का बालभोग भगवान को अर्पित किया जाएगा, जिसके पश्चात भक्तों में महाप्रसाद वितरण किया जाएगा। बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस पुण्य अवसर का लाभ लेने मंदिर पहुँच रहे हैं।
दर्शन-पूजन का समय
भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंदिर का बाहरी कपाट आज सुबह 7:00 बजे ही खोल दिया जायेगा।
दर्शन-पूजन के लिए समय निम्न प्रकार निर्धारित किया गया है—
- सुबह 7:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
- संध्या 4:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक
इस दौरान भक्त अपने परिवार तथा स्वयं के मन्नत, मनोवांछित वर और कल्याण हेतु पूजा-अर्चना करा सकेंगे।
उत्पन्ना एकादशी का पौराणिक महत्व
उत्पन्ना एकादशी की कथा अत्यंत रोचक और दार्शनिक संदेश देने वाली है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार—
- ब्रह्मा जी के वंश में तालजंघ नामक एक असुर उत्पन्न हुआ था।
- उसका पुत्र मुर दानव अत्यंत शक्तिशाली और अत्याचारी था, जिसने देवताओं को परास्त कर स्वर्गलोक से बाहर कर दिया था।
- देवताओं की दुर्दशा देख भगवान नारायण जनार्दन ने दानव के संहार का संकल्प लिया, किंतु मुर दानव की दुष्ट शक्तियाँ इतनी प्रबल थीं कि युद्ध लंबे समय तक चलता रहा।
इसी दौरान भगवान विष्णु के शरीर से एक दिव्य, तेजस्वी और शस्त्रों से सुसज्जित कन्या प्रकट हुई। इस परम शक्ति ने युद्धभूमि में प्रवेश कर मुर दानव का वध कर दिया।
यह दिव्य कन्या ही एकादशी देवी के रूप में प्रकट हुई थीं।
दानव का संहार करने के बाद उन्होंने भगवान विष्णु से वर माँगा कि—
- वे सभी तीर्थों में प्रधान हों,
- विघ्नों का नाश करने वाली कहलाएँ,
- और उनके दिन (एकादशी) का व्रत करने वाले भक्तों को धन, धर्म, पुण्य और मोक्ष प्राप्त हो।
भगवान नारायण ने प्रसन्न होकर कहा—
“हे देवी! जो भक्त श्रद्धा और भक्ति से एकादशी का व्रत करेंगे, उन्हें समस्त सिद्धियाँ प्राप्त होंगी और मेरे विशेष आशीर्वाद उनको प्राप्त होंगे।”
तभी से उत्पन्ना एकादशी को दैवीय शक्ति, कल्याण, रक्षा और मोक्ष प्रदान करने वाली तिथि माना जाता है।
भक्तों में उत्साह
मंदिर में आज विशेष सजावट की गई है। देवमूर्ति को दिव्य वस्त्र एवं पुष्पमालाओं से अलंकृत किया गया।
मंदिर प्रशासन के अनुसार, शाम तक हजारों भक्तों के आने की संभावना है। सुरक्षा व्यवस्था एवं भक्त सुविधाओं की पूरी तैयारी की गई है।
Reviewed by PSA Live News
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7:35:00 pm
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