झारखंड में 25 वर्षों की बाल अधिकार यात्रा—बच्चों ने साझा किए अनुभव, मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएँ
रांची। बाल दिवस के अवसर पर आज मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय, कांके रोड रांची में एक विशेष और प्रेरणादायक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहाँ मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने यूनिसेफ के पूर्व बाल पत्रकारों, विभिन्न विद्यालयों की बालिकाओं, तथा युवाओं से मुलाकात कर उनके अनुभव, सुझाव और योजनाओं से प्राप्त लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
कार्यक्रम में बाल पत्रकारों ने झारखंड में पिछले 25 वर्षों में बाल अधिकारों के विकास की यात्रा को अपने अनुभवों के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
मुख्यमंत्री ने सभी युवा प्रतिभागियों को बाल दिवस तथा झारखंड राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि—
“हमारी सरकार वर्तमान और आने वाली पीढ़ी के समग्र विकास के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। बच्चे-बच्चियाँ और युवा ही राज्य का भविष्य हैं, इन्हें मजबूत बनाकर ही एक समृद्ध और विकसित झारखंड का निर्माण संभव है।”
शिक्षा व्यवस्था में निरंतर सुधार: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में राज्य सरकार ने प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों की शिक्षा में सबसे बड़ी बाधा आर्थिक अभाव थी। सरकार ने इस चुनौती को दूर करने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं, जिनसे हजारों विद्यार्थियों को नई दिशा मिली है।
मुख्य उपलब्धियाँ
- विविध छात्रवृत्ति योजनाओं से विद्यार्थियों को आर्थिक मदद
- 80 सरकारी विद्यालयों को सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में अपग्रेड किया गया
- इन स्कूलों में निजी विद्यालयों जैसी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
- भविष्य में और अधिक विद्यालयों को इसी श्रेणी में परिवर्तित करने की योजना
- दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तक शिक्षा की पहुँच को मजबूत करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत में सुधार लाने के लिए भी कई योजनाओं का संचालन कर रही है और यह प्रक्रिया आगे भी आवश्यकतानुसार जारी रहेगी।
युवाओं ने साझा किए अपने अनुभव: योजनाओं ने बदली जिंदगी
कार्यक्रम के दौरान यूनिसेफ के पूर्व बाल पत्रकारों, केजीबीवी एवं जेबीएवी की बालिकाओं ने मुख्यमंत्री को विस्तार से बताया कि—
राज्य सरकार की निम्नलिखित योजनाओं ने उनके जीवन में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और विकास के नए अवसर प्रदान किए—
- मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना
- सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना
- समर अभियान एवं ज्ञान सेतु
- गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना
- सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस
- मुख्यमंत्री सारथी योजना
- एमएचएम लैब्स
- मध्याह्न भोजन में अंडे को शामिल करना
- इको क्लब एवं क्लीन एंड ग्रीन कैंपस
- स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार
युवाओं ने कहा कि इन योजनाओं से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, परिवारों को आर्थिक और सामाजिक राहत मिली है, और शिक्षा का वातावरण बेहतर हुआ है। बच्चों ने अपने-अपने अनुभव साझा कर बताया कि आज उन्हें पहले से अधिक अवसर मिल रहे हैं और ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव महसूस किए जा रहे हैं।
यूनिसेफ ने की राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना
यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डॉ. कनिनिका मित्रा ने झारखंड स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा—
“मुख्यमंत्री की इस संवाद कार्यक्रम में उपस्थिति यह दर्शाती है कि राज्य सरकार हर बच्चे को आगे बढ़ने का अवसर देने के लिए गंभीर और प्रतिबद्ध है। आज यहाँ उपस्थित युवा सरकार के निवेश का जीवंत परिणाम हैं।”
यूनिसेफ की कम्युनिकेशन एवं एडवोकेसी विशेषज्ञ सुश्री आस्था अलंग ने कहा—
“आज का दिन सिर्फ अतीत को याद करने का नहीं, बल्कि बच्चों के सपनों और उम्मीदों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ने का भी दिन है। हर बच्चे का अधिकार महत्वपूर्ण है और हर बच्चे को अवसर मिलना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने प्रेरित किया बच्चों को
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा—
“आप सभी से बात करके हमेशा नई ऊर्जा मिलती है। बाल दिवस और स्थापना दिवस की पुनः हार्दिक शुभकामनाएँ। राज्य सरकार बच्चों और युवाओं के भविष्य के लिए निरंतर काम करती रहेगी।”
मुख्यमंत्री ने यूनिसेफ द्वारा झारखंड में किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की और भविष्य में सहयोग को और मजबूत करने की बात कही।
इस अवसर पर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव श्री मनोज कुमार भी उपस्थित रहे।
Reviewed by PSA Live News
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7:48:00 pm
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