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नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य के लिए झारखंड में कार्बन न्यूट्रल इकोनॉमी का होगा निर्माण


 रांची । झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (जेएसपीसीबी) और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) द्वारा संयुक्त रूप से एक राज्यस्तरीय कांफ्रेंस 'कार्बन बजटिंग एंड न्यूट्रैलिटी इन झारखंड : वे-फॉरवर्ड फॉर इंडस्ट्रीज' का आयोजन किया गया।इस कांफ्रेंस का उद्देश्य झारखंड के उद्योग एवं व्यापार जगत से संबंधित कार्बन उत्सर्जन की वर्तमान स्थिति और कार्बन न्यूट्रैलिटी (कार्बन तटस्थता) के रोड मैप पर विचार विमर्श करना था।  ताकि शून्य कार्बन उत्सर्जन (नेट जीरो ए मिशन) के लक्ष्य को हासिल किया जा सके । इस कांफ्रेंस में सस्टेनेबल ट्रांजिशन से जुड़ी संभावनाओं एवं चुनौतियों तथा इसमें उद्योग-व्यापार जगत की भूमिका पर चर्चा हुई।  जिसमें प्रमुख विभागों एवं एजेंसियों समेत कोयला, ऊर्जा, स्टील, सीमेंट आदि क्षेत्रों की प्रमुख कॉर्पोरेट कंपनियों, सार्वजनिक उपक्रमों तथा इंडस्ट्रीज एवं बिजनेस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की भागीदारी हुई ।

कांफ्रेंस के व्यापक सन्दर्भ एवं उद्देश्यों के बारे में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष और प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री ए के रस्तोगी (आईएफएस) ने कहा कि "केंद्र सरकार द्वारा तय वर्ष 2070 में नेट जीरो एमिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सस्टनेबल ट्रांजिशन आवश्यक है । इस दिशा में उद्योग-व्यापार जगत की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है।  क्योंकि आर्थिक विकास, रोजगार सृजन एवं सामाजिक विकास में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है । नेट जीरो एमिशन को लेकर जो महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किये गये है, उसके लिए प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों में कार्बन न्यूट्रल मॉडल को लागू करना होगा ताकि फ्यूचर-रेडी इकोनॉमी का निर्माण किया जा सके । "श्री रस्तोगी ने आगे कहा कि "भावी नीतियों एवं कार्यक्रम के निर्माण के केंद्र में पर्यावरण संरक्षण के साथ कमजोर तबकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करनी होगी ताकि सतत शील विकास को गति दी जा सके ।

कार्बन न्यूट्रल इकोनॉमी में कार्बन (CO2) तथा इसके सहयोगी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए मुख्य तौर पर जिम्मेवार माने जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों जैसे कोयला, ऊर्जा उत्पादन, भारी उद्योग, पेट्रो केमिकल, परिवहन और कृषि आदि के लिए शून्य कार्बन उत्सर्जन का मापदंड तय किया गया है । वर्ष 2021 के ग्लास गो कन्वेन्शन में दुनिया के 70 से अधिक देशों के गठबंधन ने तय किया कि नेट जीरो एमिशन का लक्ष्य इस धरती को क्लाइमेट चेंज के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए जरूरी है , जिसमें भारत सरकार ने भी 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त करने की प्रतिबद्धता रखी । दरअसल यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जिसमें सभी स्टेक होल्डर्स की ओर से सामूहिक प्रयास की जरूरत है ।

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन (झारखंड सरकार) के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी श्री एल खियांगते (आईएएस) ने कहा कि "राज्य में समावेशी विकास के लिए जरूरी है कि हम संसाधन कुशल, सतत शील तथा न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढें ।जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों के साथ आर्थिक विकास के लक्ष्यों को इस प्रकार समायोजित करने की जरूरत है कि हम विकास की आवश्यकताओं, डीकार्बनाइजेशन प्रक्रिया और शून्य कार्बन उत्सर्जन के पारस्परिक संबंधों से जुड़े समाधान पर अमल करें ।"

कांफ्रेंस में राज्य सरकार के प्रमुख विभागों (वित्त, योजना, उद्योग) के पदाधिकारियों के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों जैसे सीसीएल, बीसीसीएल, एनटीपीसी, सेल, यूसीआईएल, आरबीआई के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।साथ ही प्रमुख औद्योगिक घरानों जैसे टाटास्टील, टाटामोटर्स, हिन्डाल्को, हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड, आईटीसी के अलावा औद्योगिक-व्यापारि कसंगठनों जैसे सीआईआई, झारखंड चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स, झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए ।

 

नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य के लिए झारखंड में कार्बन न्यूट्रल इकोनॉमी का होगा निर्माण नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य के लिए झारखंड में कार्बन न्यूट्रल इकोनॉमी का होगा  निर्माण Reviewed by PSA Live News on 8:39:00 pm Rating: 5

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