सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना क्षेत्र अंतर्गत लचरागढ़ महिला आजीविका संगठन के बैंक खाते से 62 लाख रुपये की फर्जी निकासी के सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ है। साइबर अपराधियों ने संगठन के खाते की जानकारी हासिल कर क्लोन चेक तैयार किया और गुमला जिले के एक बैंक से भारी राशि की अवैध निकासी कर डाली।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सिमडेगा जिला पुलिस और कोलेबिरा थाना की संयुक्त टीम ने तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई की। तकनीकी साक्ष्यों और बैंक ट्रांजैक्शन के आधार पर पुलिस ने राँची, गिरिडीह और कोडरमा जिलों से चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधियों में कैफ अली (राँची), काशिफ अहमद (राँची), शरद कुमार (गिरिडीह) और रोशन कुमार (डोमचांच, कोडरमा) शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, इन अपराधियों ने पहले संगठन के बैंक खाते की जानकारी जुटाई और फिर चेक की हूबहू नकल तैयार कर गुमला स्थित बैंक में फर्जी दस्तावेजों के साथ जमा कर 62 लाख रुपये की निकासी कर ली। बैंक को जब इस लेन-देन पर संदेह हुआ, तब तक पैसे निकाल लिए गए थे। मामला सामने आने के बाद बैंक प्रबंधन ने तुरंत इसकी सूचना संबंधित संगठन और पुलिस को दी।
सिमडेगा पुलिस अधीक्षक की निगरानी में एक विशेष टीम गठित की गई जिसने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से धर दबोचा। सभी को न्यायिक हिरासत में लेकर कोलेबिरा जेल भेज दिया गया है। पुलिस की टीम इन अपराधियों के अन्य साइबर ठगी मामलों में संलिप्तता की भी जांच कर रही है।
पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है और इस रैकेट के बैंकिंग सिस्टम में सेंध लगाने के पूरे नेटवर्क को उजागर किया जाएगा। यह घटना न केवल बैंकिंग सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के आजीविका समूहों की वित्तीय सुरक्षा को लेकर भी गहरी चिंता उत्पन्न करती है।
(PSA Live News/राँची दस्तक – विशेष रिपोर्ट)

कोई टिप्पणी नहीं: