“कथित पत्रकार” कहने पर शुरू हुई कानूनी जंग
हिसार/राजेश सलूजा। हिसार में पत्रकारिता जगत और सामाजिक हलकों में उस समय हलचल मच गई जब वरिष्ठ पत्रकार एवं एकता टाइम समाचार पत्र (बरवाला) के संपादक राजेश कुमार सलूजा की ओर से 11 व्यक्तियों को मानहानि का विधिक नोटिस भेजा गया। यह नोटिस उनके अधिवक्ता प्रेम चौधरी (चेंबर नं.117, हिसार कोर्ट) के माध्यम से जारी किया गया है।
29 जुलाई की बैठक से उपजा विवाद
पूरा मामला 29 जुलाई 2025 को हुई “पारस कुकड़ेजा न्याय दिलाओ संघर्ष समिति (कोर कमेटी)” की बैठक से जुड़ा है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में पारित एक प्रस्ताव में पत्रकार राजेश सलूजा को “कथित (झूठा) पत्रकार” कहकर संबोधित किया गया। बैठक के बाद उक्त प्रस्ताव की प्रतियां और तस्वीरें सोशल मीडिया व व्हाट्सऐप ग्रुप्स पर साझा की गईं।
सलूजा पक्ष का आरोप है कि यह सोची-समझी साजिश थी, जिसके माध्यम से उनकी पेशेवर साख, सामाजिक प्रतिष्ठा और परिवार की इज्जत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
अधिवक्ता का बयान : लोकतांत्रिक मूल्यों पर चोट
अधिवक्ता प्रेम चौधरी ने स्पष्ट किया कि उनके मुवक्किल राजेश सलूजा पिछले दो दशकों से निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता कर रहे हैं और उन्हें अनेक मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा –
“ऐसे व्यक्ति को झूठा पत्रकार ठहराना न केवल व्यक्तिगत मानहानि है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्र पत्रकारिता पर सीधा हमला है।”
कानूनी धाराएँ और नोटिस की मांग
नोटिस में यह कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा 499, 500 (मानहानि), 504 (शांति भंग की मंशा), 505 (अफवाह फैलाना) के तहत दंडनीय बताया गया है। साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और आईपीसी धारा 120-B (साजिश) का भी हवाला दिया गया है।
नोटिस के अनुसार:
- सभी 11 व्यक्तियों को 30 दिन के भीतर कुल ₹1.10 करोड़ की भरपाई करनी होगी।
- ₹60 लाख मानहानि के लिए
- ₹50 लाख मानसिक क्षति व पारिवारिक अपमान के लिए
- इसके अलावा सभी को सार्वजनिक रूप से लिखित माफ़ी मांगनी होगी।
- अन्यथा, मामला अदालत में दाखिल कर सख्त कानूनी कार्यवाही शुरू की जाएगी।
किन-किन को भेजा गया नोटिस?
नोटिस जिन 11 व्यक्तियों को भेजा गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं –
सुभाष ढींगड़ा, शम्मी नागपाल, हरीश चौधरी, सुनील वर्मा, सुरेंद्र बजाज, दर्शन खुराना, सुभाष नागपाल, पंकज दिवान, महेश चौधरी, नवीन मल्होत्रा और जितेंद्र भारती।
पत्रकारिता जगत में हलचल
इस पूरे घटनाक्रम ने हिसार और आसपास के क्षेत्रों में पत्रकारिता जगत को हिला दिया है। कई संगठनों ने इसे “पत्रकारों की गरिमा पर हमला” करार देते हुए मामले की गंभीरता को रेखांकित किया है। वहीं, नोटिस पाने वाले पक्ष की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

कोई टिप्पणी नहीं: