लव जिहाद पर सख़्ती से रोक: मालती अरोड़ा
हरियाणा/ हिसार से राजेश सलूजा की खास रिपोर्ट।
पानीपत। आर्य (पी. जी.) कॉलेज में रविवार, 14 सितम्बर 2025 को स्वधर्म उत्थान सेवा न्यास, कुरुक्षेत्र विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता अखिल भारतीय विधि प्रमुख रामप्रसाद ने कहा कि हमारी एक भी बेटी अब लव जिहाद का शिकार नहीं होगी। समाज को जागरूक रहकर अपनी बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। घरेलू राजनीतिक मुद्दा प्रतीत होने के बावजूद, लव जिहाद ने अपनी शुरुआत से ही एक अंतर्राष्ट्रीय रूप धारण कर लिया। 2009 में केरल में लव जिहाद के आरोप में गिरफ्तारियों के बाद, नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पर्चे बांटे जाने लगे ( दास 2010 )। पर्चे में चेतावनी दी गई थी कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन भारत में जिहाद छेड़ने के लिए देश भर की युवा हिंदू महिलाओं को लुभाने के लिए मुस्लिम युवकों को पैसे देकर लव जिहाद के प्रयासों को वित्तपोषित कर रहे हैं। पर्चे में चेतावनी दी गई थी कि 'जिहादी रोमियो' हिंदू महिलाओं को 'फंसाएंगे', उनका ब्रेनवॉश करेंगे, उनका धर्म परिवर्तन करेंगे, उनसे शादी करेंगे और थोड़े समय में 4 बच्चे पैदा करेंगे ( दास 2010, पृष्ठ 381 )। इस प्रकार, लव जिहाद जल्दी ही एक आंतरिक और बाहरी खतरे के रूप में सामने आने लगा, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता थी।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित भाजपा की वरिष्ठ नेत्री मालती अरोड़ा ने हरियाणा सरकार के विधिकृत धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम – 2022 का समर्थन करते हुए कहा कि लव जिहाद पर अब पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इस कानून के लागू होने से बेटियों को सुरक्षा और समाज को स्थिरता मिलेगी ।विभिन्न भारतीय राज्यों में लव जिहाद के कथित मामले लव जिहाद से निपटने के उद्देश्य से स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों नीतियों को आकार देने में मदद करते हैं। सीमावर्ती देशों से मुस्लिम प्रवास के डर और लव जिहाद के निरंतर खतरे ने भारत की घरेलू और क्षेत्रीय नीतियों, जैसे एनआरसी और सीएए और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने को आकार देने और संभवतः तर्कसंगत बनाने में मदद की। भारत की नीतियों ने कुछ अंतरराष्ट्रीय मुस्लिम सहयोगियों की ओर से भी प्रतिक्रिया उत्पन्न की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुशील (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने की, जबकि जयपाल शर्मा IES, निदेशक,संचार मंत्रालय भारत सरकार विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
संगोष्ठी का संचालन रविश कांगड़ा पानीपत और वीरेंद्र सचदेवा करनाल ने किया। कार्यक्रम के संयोजक सुरेश कुमार कुरुक्षेत्र विभाग थे।
कार्यक्रम में बहुत बड़ी संख्या में आधिवक्ता लोग मौजूद रहे और वक्ताओं के विचारों की सराहना की ।

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