रांची। भारत सरकार डाक विभाग, रांची डाक मंडल और राज्य स्वास्थ्य विभाग (टीबी सेल, एनएचएम परिसर, रांची) के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य रांची से इटकी स्थित टीबी अनुसंधान अस्पताल तक टीबी नमूनों की सफल, सुचारु और समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करना रहा।
बैठक में हुई अहम चर्चा
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि डाक विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच हुए आपसी समझौते (एमओयू) को और मजबूत बनाया जाएगा, ताकि झारखंड के सभी जिलों से लिए गए टीबी नमूनों को रांची व इटकी प्रयोगशाला तक सुरक्षित और समय पर पहुंचाया जा सके। इससे टीबी की समय पर पहचान और इलाज संभव हो सकेगा।
बैठक में मौजूद प्रमुख अधिकारी
बैठक में डीपीएस झारखंड डाक परिमंडल श्री राम विलास चौधरी, निदेशक-इन-चीफ एनएचएम रांची श्री सिद्धार्थ सान्याल, वरिष्ठ डाक अधीक्षक रांची डाक मंडल श्री रूपक कुमार सिन्हा, डी.डी.एम. पी.एल.आई. श्री अमित कुमार, राज्य टीबी पदाधिकारी डॉ. कमलेश कुमार, वरिष्ठ प्रधान डाकपाल रांची जीपीओ श्री दिवाकर प्रसाद सहित रांची डाक मंडल के अधिकारी-कर्मचारी और झारखंड के सभी जिला टीबी पदाधिकारी मौजूद रहे।
स्वागत संबोधन
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. कमलेश कुमार और श्री रूपक कुमार सिन्हा के स्वागत भाषण से हुई। दोनों ने जोर दिया कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी पार्सल सेवा, दवाइयों और उपकरणों की बुकिंग एवं उनकी राज्यभर के सरकारी अस्पतालों तक समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित की जाए।
डाक विभाग की भूमिका
डीपीएस झारखंड डाक परिमंडल श्री राम विलास चौधरी ने बैठक को संबोधित करते हुए डाक विभाग की विभिन्न सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्पीड पोस्ट पार्सल सेवा स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे विश्वसनीय और सुरक्षित माध्यम है, जिसके जरिए दवाइयों, नमूनों और उपकरणों को तेज़ी से और सुरक्षित तरीके से पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने डाक जीवन बीमा (पी.एल.आई.) के महत्व पर भी प्रकाश डाला और इसे सरकारी कर्मचारियों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए लाभकारी निवेश विकल्प बताया।
स्वास्थ्य विभाग का पक्ष
निदेशक-इन-चीफ एनएचएम रांची श्री सिद्धार्थ सान्याल ने टीबी के लक्षणों, इसके गंभीर प्रभावों और समय पर जांच की अनिवार्यता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डाक विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच हुई साझेदारी टीबी नियंत्रण कार्यक्रम को गति देगी। इसके तहत झारखंड के किसी भी हिस्से से लिए गए टीबी सैम्पल्स को बुकिंग के तुरंत बाद अनुसंधान केंद्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाएगा।
पी.एल.आई. की जानकारी
डी.डी.एम. पी.एल.आई. श्री अमित कुमार ने डाक जीवन बीमा की विभिन्न योजनाओं और उनके लाभों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्यकर्मियों और अधिकारियों के लिए एक भरोसेमंद और सुरक्षित निवेश का विकल्प है, जो न केवल बचत का साधन है बल्कि परिवार की सुरक्षा का भी मजबूत आधार है।
धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ प्रधान डाकपाल, रांची जीपीओ श्री दिवाकर प्रसाद ने सभी अतिथियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बैठकें डाक विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच सहयोग को और मजबूत बनाती हैं, जिससे राज्य के आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
इस बैठक को स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग की साझेदारी की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस व्यवस्था से झारखंड में टीबी नियंत्रण अभियान को गति मिलेगी और राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी व्यवस्था और भी सुदृढ़ होगी।

कोई टिप्पणी नहीं: