झारखंड स्थापना दिवस के 25 वर्ष: मारवाड़ी समाज ने सरकार से रखीं विकास, उद्योग और सामाजिक साझेदारी की नई अपेक्षाएँ
रांची। झारखंड राज्य अपनी स्थापना के 25 गौरवशाली वर्ष पूरे कर रहा है। 15 नवम्बर 2025 को राज्य जब अपनी रजत जयंती मना रहा है, तो इस अवसर पर झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन ने राज्य सरकार से आने वाले अगले 25 वर्षों के लिए विकास, उद्योग, शिक्षा और सामाजिक समरसता से जुड़ी अपनी अपेक्षाएँ और सुझाव रखे हैं।
सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल, संयुक्त महामंत्री सह प्रवक्ता संजय सर्राफ, प्रांतीय महामंत्री विनोद कुमार जैन, और वरीय उपाध्यक्ष ललित कुमार पोद्दार ने कहा कि यह अवसर आत्ममंथन और भावी झारखंड के लिए दिशा तय करने का है।
“झारखंड के अगले 25 वर्ष साझेदारी और समरसता के हों” – सुरेश चंद्र अग्रवाल
प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि झारखंड के लिए आने वाले 25 वर्ष आर्थिक प्रगति, शिक्षा विस्तार और सांस्कृतिक समरसता के होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि मारवाड़ी समाज ने राज्य निर्माण से लेकर अब तक हर क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाई है — चाहे वह व्यापार, शिक्षा, समाजसेवा या सांस्कृतिक संरक्षण हो।
उन्होंने सरकार से निम्न प्रमुख बिंदुओं पर अपेक्षा जताई:
- शिक्षा क्षेत्र में नई पहलें: मारवाड़ी समाज शिक्षा के क्षेत्र में सदैव अग्रणी रहा है। सरकार के सहयोग से नए विद्यालय, कॉलेज और तकनीकी संस्थान खोले जाएँ ताकि झारखंड के हर जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो।
- आधुनिक व्यापारिक प्रशिक्षण: युवाओं को आईटी, वित्त, ई-कॉमर्स और उद्यमिता में प्रशिक्षण देने की ठोस व्यवस्था हो।
- संस्कार और मूल्य आधारित शिक्षा का विस्तार: राज्य में संस्कारवान और नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा व्यवस्था विकसित की जाए।
- मारवाड़ी सभागृहों और सांस्कृतिक भवनों को संरक्षण: धर्मशालाओं और सभागृहों को संरक्षित करने हेतु सरकार विशेष सहयोग योजना बनाए।
- जन-सरकार-समाज संवाद समिति: हर जिले में एक स्थायी समिति बने जिससे सरकार और समाज के बीच नियमित संवाद से समस्याओं का त्वरित समाधान हो।
- कर एवं व्यापारिक विवादों का सरल निपटारा: राज्य को उद्योग-अनुकूल और न्यायसंगत बनाने के लिए कर प्रणाली को सरल बनाया जाए।
उन्होंने कहा,
“हमारी अपेक्षा सुविधा की नहीं, बल्कि साझेदारी की है — विकास में भागीदारी, समाज के मूल्यों का संरक्षण और आने वाली पीढ़ियों के लिए अवसरों का सृजन ही हमारी प्राथमिकता है।”
“स्थानीय उद्यमियों को भरोसा और स्थिरता मिले” – संजय सर्राफ
संयुक्त महामंत्री सह प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में झारखंड ने उद्योग, शिक्षा और अवसंरचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, परंतु अब राज्य को निवेश और व्यापार के नए युग की ओर बढ़ना होगा।
उन्होंने कहा,
“राज्य को छोटे और मझोले व्यापारियों के लिए सुलभ ऋण योजनाएँ, कर में सरलता और उद्योग स्थापना की पारदर्शी नीति लागू करनी चाहिए। जब उद्योग को स्थिरता और भरोसा मिलेगा, तब झारखंड आत्मनिर्भरता की नई ऊँचाइयों को छूएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के भविष्य की नींव सुरक्षा, रोजगार और संवाद के तीन स्तंभों पर टिकी होनी चाहिए। उन्होंने मीडिया की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मजबूत और निष्पक्ष मीडिया राज्य की प्रगति का दर्पण होता है।
“युवा शक्ति झारखंड की सबसे बड़ी पूँजी है” – विनोद कुमार जैन
प्रांतीय महामंत्री विनोद कुमार जैन ने कहा कि झारखंड की असली ताकत इसकी युवा आबादी है। यदि युवाओं को सही दिशा और अवसर दिए जाएँ तो झारखंड विकास का नया मॉडल बन सकता है।
उन्होंने सरकार से अपील की कि —
- ‘स्किल झारखंड मिशन’ को और सशक्त बनाया जाए ताकि युवाओं को स्थानीय उद्योगों, व्यापार और स्टार्टअप्स से जोड़ा जा सके।
- कर नीति और औद्योगिक अनुमतियों की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी हो।
- स्थानीय उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाए ताकि झारखंड का पैसा झारखंड में ही निवेश हो सके।
- व्यापारिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि व्यापारी वर्ग बिना भय के काम कर सके।
उन्होंने कहा,
“यदि सरकार युवाओं और स्थानीय उद्यमियों के साथ मिलकर दीर्घकालिक औद्योगिक नीति लागू करे, तो झारखंड रोजगार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर राज्य बन सकता है।”
“सरकार-समाज की साझेदारी से बनेगा सशक्त झारखंड” – ललित कुमार पोद्दार
वरीय उपाध्यक्ष ललित कुमार पोद्दार ने पर्यावरण, शिक्षा और सामाजिक कल्याण पर बल देते हुए कहा कि राज्य की प्रगति केवल उद्योगों से नहीं, बल्कि समाज के सहयोग से संभव है।
उन्होंने कहा कि —
- सरकार सामाजिक संगठनों को विकास योजनाओं का भागीदार बनाए।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संरक्षण, स्वच्छता और वृक्षारोपण जैसे क्षेत्रों में समाज और प्रशासन मिलकर काम करें।
- सरकार और व्यापारिक संगठनों के बीच नियमित संवाद की व्यवस्था हो ताकि नीतिगत निर्णयों में समाज की भागीदारी सुनिश्चित हो।
उन्होंने कहा,
“यदि प्रशासन और नागरिक संगठन मिलकर कार्य करें, तो झारखंड देश के सबसे सशक्त और संतुलित राज्यों में स्थान पा सकता है।”
“हम सबका झारखंड, समृद्ध झारखंड — यही आने वाले 25 वर्षों का संकल्प”
चारों पदाधिकारियों ने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि झारखंड के अगले 25 वर्ष सहयोग, नवाचार और साझेदारी के होने चाहिए।
यदि राज्य सरकार उद्योग, शिक्षा, पर्यावरण और सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में दीर्घकालिक नीति बनाकर दृढ़ता से लागू करती है, तो झारखंड न केवल आर्थिक रूप से समृद्ध होगा बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी आदर्श राज्य बनकर उभरेगा।
उन्होंने राज्य की जनता को स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा —
“हम सबका झारखंड, समृद्ध झारखंड — यही हो आने वाले 25 वर्षों का संकल्प।”
Reviewed by PSA Live News
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6:56:00 pm
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