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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रिनपास शताब्दी वर्ष समारोह का किया शुभारंभ

टेली-मेंटल हेल्थ सेवा, डिजिटल अकादमी, पोस्टल स्टाम्प और चार पुस्तकों का हुआ विमोचन




रांची। 
झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने शनिवार को रांची इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूरो-साइकियाट्री एंड एलाइड साइंस (रिनपास) के शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ किया। राज्य के प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के 100 वर्ष पूरे होने के इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने नई सेवाओं, तकनीकों और प्रकाशनों की शुरुआत कर रिनपास को नए आयाम देने का संकल्प व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर टेली-मेंटल हेल्थ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा और डिजिटल अकादमी का शुभारंभ किया। साथ ही, रिनपास पर आधारित विशेष पोस्टल स्टाम्प, एक स्मारिका तथा चार पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।

“मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ना जरूरी” – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि रिनपास की 100 वर्ष की यात्रा सेवा, समर्पण और विश्वास की कहानी है। अब समय की मांग है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक तकनीक और डिजिटलीकरण से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा—

“हम चाहते हैं कि मानसिक समस्याओं से जूझ रहे मरीजों तक सरलता और सहजता के साथ इलाज की सुविधाएं पहुंचे। इसके लिए हमें आधारभूत संरचना को मजबूत करना होगा और अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीकों का अधिकतम उपयोग करना होगा।”

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार रिनपास में सभी कमियों की समीक्षा कर उन्हें दूर करेगी। आने वाले समय में मरीजों को बेहतर परामर्श और इलाज के लिए डिजिटल हेल्थ सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

मानसिक रोगियों की स्थिति पर चिंता

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने समाज की उस प्रवृत्ति पर गहरी चिंता व्यक्त की जिसमें परिवारजन अपने मरीज को रिनपास में भर्ती करने के बाद वापस लेने नहीं आते। उन्होंने कहा—

“कई बार मरीज को घरों में ‘कैद’ कर रखा जाता है, जो हमारे समाज और परिवार के लिए सही नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मानसिक रोगियों को गरिमा के साथ जीवन जीने का अवसर मिले और इलाज के बाद वे स्वस्थ होकर समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।”

“रिनपास की स्थापना दूरदर्शिता का परिणाम”

1925 में रिनपास की स्थापना को ऐतिहासिक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दौर में मनोचिकित्सा पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था। फिर भी इस संस्थान की नींव रखना एक बड़ी दूरदर्शिता थी। उन्होंने कहा कि आज जब मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियां बढ़ रही हैं, रिनपास की प्रासंगिकता और भी ज्यादा हो गई है।

समारोह की प्रमुख झलकियां

  • पोस्टल स्टाम्प का हुआ विमोचन, जो रिनपास की 100 वर्ष की गौरवशाली यात्रा का प्रतीक है।
  • स्मारिका और चार पुस्तकों का विमोचन किया गया, जिनमें रिनपास की उपलब्धियों और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े शोध कार्यों को स्थान दिया गया है।
  • टेली-मेंटल हेल्थ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा की शुरुआत, जिससे दूरदराज के मरीज भी परामर्श प्राप्त कर सकेंगे।
  • डिजिटल अकादमी का शुभारंभ, जो मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान करेगी।
  • रिनपास के पूर्व निदेशक और वरिष्ठ चिकित्सकों – डॉ. पी.के. चक्रवर्ती, डॉ. एन.एन. अग्रवाल, डॉ. अशोक कुमार प्रसाद, डॉ. अशोक कुमार नाग, डॉ. के.के. सिंह, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. ए.एन. वर्मा तथा डॉ. के.सी. सेंगर – को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में शामिल प्रमुख हस्तियां

इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, विधायक श्री राजेश कच्छप एवं श्री सुरेश कुमार बैठा, झारखंड राज्य समन्वय समिति के सदस्य श्री राजेश ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुबोधकांत सहाय, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार सिंह, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निमहांस), बेंगलुरु की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति, झारखंड परिमंडल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल श्री विधान चंद्र रॉय तथा रिनपास के निदेशक डॉ. अमूल रंजन सिंह सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री का संदेश

समारोह के अंत में मुख्यमंत्री ने रिनपास परिवार को बधाई देते हुए कहा—

“सेवा, समर्पण और विश्वास के सौ वर्ष पूरे करने पर रिनपास से जुड़े सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं। आने वाले वर्षों में रिनपास मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूत केंद्र बने, यही हमारी कोशिश होगी।”

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रिनपास शताब्दी वर्ष समारोह का किया शुभारंभ मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रिनपास शताब्दी वर्ष समारोह का किया शुभारंभ Reviewed by PSA Live News on 7:39:00 am Rating: 5

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