ब्लॉग खोजें

डीएमके सरकार पर अभिव्यक्ति की आज़ादी दबाने का आरोप — तमिलनाडु के यूट्यूबर हरिदास की गिरफ्तारी से मचा बवाल


चेन्नई।
तमिलनाडु की राजनीति में इन दिनों बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। लोकप्रिय यूट्यूबर हरिदास को डीएमके सरकार ने गिरफ्तार कर लिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अभिनेता विजय जोसेफ (थलापति विजय) की हाल ही में हुई रैली में मची भगदड़ को लेकर कुछ तीखे सवाल उठाए थे।

हरिदास की गिरफ्तारी के बाद राज्यभर में अभिव्यक्ति की आज़ादी और सरकारी दमन को लेकर बहस छिड़ गई है।

 क्या था पूरा मामला

पिछले सप्ताह चेन्नई में आयोजित अभिनेता विजय जोसेफ की एक विशाल जनसभा के दौरान भीषण भगदड़ मच गई थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए और कुछ की मौत भी हुई। यह रैली विजय के राजनीतिक मंच “तमिझगा वेतन कच्ची” की गतिविधियों के हिस्से के रूप में आयोजित की गई थी।

इस घटना के बाद यूट्यूबर हरिदास ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक विस्तृत वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कई कठोर लेकिन तर्कसंगत सवाल उठाए —

  • क्यों विजय जोसेफ अपनी करोड़ों रुपए की वैनिटी वैन में बैठे रहे और तब तक मंच पर नहीं आए जब तक कि भीड़ और बढ़ नहीं गई?
  • क्यों रैली स्थल पर एम्बुलेंसों की संख्या बहुत कम थी जबकि इतनी बड़ी भीड़ की संभावना पहले से थी?
  • क्यों भगदड़ और मौतों की लाइव कवरेज सिर्फ डीएमके के ‘सन टीवी’ चैनल को ही करने दी गई?
  • क्या यह एक राजनीतिक पीआर (Public Relations) स्टंट था, जिसमें दुखद घटनाओं को भी प्रचार के साधन के रूप में इस्तेमाल किया गया?

हरिदास ने अपने वीडियो में कहा था कि “जब मौत भी मार्केटिंग का हिस्सा बन जाए, तो सवाल पूछना गुनाह नहीं बल्कि जिम्मेदारी है।

 सरकार की कार्रवाई और विवाद

हरिदास की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वीडियो को लाखों लोगों ने देखा और साझा किया। इसके कुछ ही घंटों बाद तमिलनाडु पुलिस ने उन पर आईटी एक्ट और मानहानि से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस का कहना है कि हरिदास ने “झूठी जानकारी फैलाई और सार्वजनिक शांति भंग की”, जबकि विपक्षी दलों और मीडिया संस्थानों का कहना है कि यह कार्रवाई डीएमके सरकार की असहिष्णुता का उदाहरण है।

विपक्षी नेताओं ने कहा कि —

“अगर किसी ने सिर्फ सवाल पूछा है तो उसे जेल भेजना लोकतंत्र का नहीं, तानाशाही का संकेत है।”

 सोशल मीडिया पर गुस्सा

हरिदास की गिरफ्तारी के बाद ट्विटर (एक्स), फेसबुक और यूट्यूब पर लोगों ने #StandWithHaridas और #FreeSpeechUnderAttack जैसे हैशटैग ट्रेंड कराए।
कई पत्रकारों, बुद्धिजीवियों और यूट्यूबर्स ने कहा कि यह मामला ‘फ्री स्पीच बनाम सत्ता’ का प्रतीक बन गया है।
कुछ लोगों ने यह भी कहा कि “डीएमके सरकार हर उस आवाज़ को चुप कराना चाहती है जो उनके और उनके सहयोगियों के प्रचार नेटवर्क पर सवाल उठाए।

 विजय जोसेफ की चुप्पी पर भी सवाल

वहीं अभिनेता विजय जोसेफ ने अब तक इस पूरे विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की है। उनके प्रशंसक चाहते हैं कि वे इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें, क्योंकि यह मामला अब राजनीतिक और नैतिक दोनों सवालों से जुड़ चुका है।

हरिदास की गिरफ्तारी सिर्फ एक यूट्यूबर की आवाज़ दबाने का मामला नहीं रह गया है — यह अब तमिलनाडु में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक सहनशीलता की परीक्षा बन चुका है।
सवाल यह है कि —

क्या एक लोकतांत्रिक राज्य में किसी नागरिक को सिर्फ इसलिए जेल भेजा जा सकता है क्योंकि उसने सत्ताधारी दल से जुड़े एक अभिनेता के कार्यक्रम पर सवाल उठाए?

जनता इस पर जवाब चाहती है — और अभी तक सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट स्पष्टीकरण नहीं आया है।

डीएमके सरकार पर अभिव्यक्ति की आज़ादी दबाने का आरोप — तमिलनाडु के यूट्यूबर हरिदास की गिरफ्तारी से मचा बवाल डीएमके सरकार पर अभिव्यक्ति की आज़ादी दबाने का आरोप — तमिलनाडु के यूट्यूबर हरिदास की गिरफ्तारी से मचा बवाल Reviewed by PSA Live News on 9:31:00 pm Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

Blogger द्वारा संचालित.